Atmadharma magazine - Ank 261
(Year 22 - Vir Nirvana Samvat 2491, A.D. 1965)
(Devanagari transliteration).

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तंत्री: जगजीवन बावचंद दोशी
वर्ष २२: अंक ९: वीर सं. २४९१ अषाड : july 1965
समस्त जैनोनुं परमपूज्य तीर्थधाम श्री सम्मेदशिखर
जेनी यात्रानां आनंदभर्या संभारणां आजे पण ए तीर्थ प्रत्ये भक्तिनी उर्मिओ
गाडे छे.....दर वर्ष लाख–लाख दिगंबर जैनबंधुओ जेनी भावभीनी यात्रा करे छे.
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