Atmadharma magazine - Ank 261
(Year 22 - Vir Nirvana Samvat 2491, A.D. 1965)
(Devanagari transliteration).

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ATMADHARMA Regd No. 182
आपणुं सौथी महान तीर्थधाम सम्मेदशिखर
सं. २०१३ मां पू. गुरुदेव बे हजार उपरांत यात्रिको साथे परमपूज्य सिद्धिधाम
सम्मेदशिखरजीनी अत्यंत उल्लास–भक्तिपूर्वक तीर्थयात्रा करी, तेनुं एक द्रश्य
सम्मेदशिखर पहाड पर हजारो यात्रिकोनी हारमाळा चाली जाय छे. दिगंबर
जैनसमाजना लाखो यात्रिको दर वर्षे पोताना आ परम पूज्य तीर्थनी भक्तिपूर्वक
यात्रा करे छे. हजारो वर्ष पहेलांना अनेक दिगंबर जैनशास्त्रोमां अने पुराणोमां आ
तीर्थना महिमानो उल्लेख छे. आ तीर्थना महिमानो साक्षात्कार करवा माटे “मंगल
तीर्थयात्रा” पुस्तक वांचो; (संपादक: ब्र हरिलाल जैन: सोनगढ)