: मागशर : २४९२ आत्मधर्म : ५७ :
सोनगढमां आ वखते अष्टाहनिकामां “तेरहद्वीप पूजन” विधानमांथी
जंबुद्वीपनुं पूजन चालतुं हतुं; ते संबंधी स्पष्टता करतां गुरुदेवे कह्युं: “तेरहद्वीप पूजन”
एटले शुं? शुं तेरद्वीपनी पूजा छे? कांई द्वीपनी पूजा नथी पण तेमां रहेला–शाश्वत
जिनमंदिरो तथा जिनप्रतिमानी पूजा छे. आ मध्यलोकमां असंख्यात द्वीप–समुद्र छे.
तेमां शरूआतना त्रण द्वीप–पहेलो जंबुद्वीप, बीजो धातकीखंडद्वीप, त्रीजो पुष्करद्वीप,
तथा त्यारपछी आठमो नंदीश्वरद्वीप, अगियारमो रुचक्रवरद्वीप ने तेरमो कुंडलवरद्वीप
–आ छ द्वीपमां कुल ४प८ शाश्वता जिनमंदिरो छे ने दरेक जिनमंदिरमां १०८ रत्नमय
जिनबिंबो छे. आ रीते १३ द्वीप सुधीमां आवेला आ ४५८ जिनमंदिरो तथा
जिनप्रतिमानुं पूजन करवामां आवे छे, एने टूंकमां ‘तेरहद्वीप पूजन’ कह्युं. मध्यलोकमां
असंख्य द्वीप–समुद्र छे, पण तेमां तेरमा द्वीप सुधीमां ज जिनमंदिरो छे, त्यारपछीना
असंख्य द्वीपसमुद्रोमां जिनमंदिरो नथी. तथा १३ द्वीपमांथी पण छ द्वीपमां ज
जिनमंदिरो छे, बाकीना सातमां नथी. तेरद्वीपना नाम तथा तेमां आवेला ४प८ शाश्वत
जिनमंदिरोनी संख्या नीचे प्रमाणे छे–
(१) जंबुद्वीप तेमां जिनमंदिरो... ७८
(२) धातकीखंड द्वीप तेमां जिनमंदिरो... १प८
(३) पुष्करवर द्वीप तेमां जिनमंदिरो... १६२
(४) वारूणीवर द्वीप तेमां जिनमंदिरो नथी
(प) क्षीरवर द्वीप तेमां जिनमंदिरो नथी.
(६) धृतवर द्वीप तेमां जिनमंदिरो नथी.
(७) ईक्षुवर द्वीप तेमां जिनमंदिरो नथी
(८) नंदीश्वर द्वीप तेमां जिनमंदिरो नथी..... प२
(९) अरूणवर द्वीप तेमां जिनमंदिरो नथी.
(१०) अरूण–उद्रभास द्वीप तेमां जिनमंदिरो नथी.
(११) कुंडलवर द्वीप तेमां जिनमंदिरो... ४
(१२) शंखवर द्वीप तेमां जिनमंदिरो नथी.
(१३) रुचकवर द्वीप तेमां जिनमंदिरो... ४