Atmadharma magazine - Ank 268
(Year 23 - Vir Nirvana Samvat 2492, A.D. 1966)
(Devanagari transliteration).

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: ४६ : आत्मधर्म : माह : २४९२
परमपूज्य गुरुदेव सुखशांतिमां बिराजे छे. सवारना प्रवचनमां हालमां पं. श्री
दौलतरामजी रचित छह ढाळा वंचाय छे. बपोरे परमात्मप्रकाश वंचाय छे. समयसार–
कलशटीका उपरनां प्रवचनो पूर्ण थतां छहढाळा शरू करेल छे. कळशटीका उपर कूल..२८
प्रवचनोद्वारा अध्यात्मरसनुं अलौकिक अमृत गुरुदेवे मुमुक्षुओने पीवडाव्युं. आ
कळशटीकानुं गुजराती भाषांतर पण (४४०० प्रत) थोडा वखतमां छपावी, शरू थशे.
हिंदीमां पण तेनी बीजी आवृत्ति (३३०० प्रत) थोडा वखतमां छपाशे.
जामनगरमां मुरब्बी श्री वीरजीभाई (९६ वर्षनी उंमर) पथारीवश होवाथी
तेमने गुरुदेवना दर्शननी खास उत्कंठा जागी, ने जोगानुजोग ए दिवसे गुरुदेवने
वीरजीभाई संबंधी स्वप्न आव्युं; वीरजीभाई तरफथी गुरुदेवने जामनगर पधारी
दर्शन देवानी विनति थतां गुरुदेव चार दिवस जामनगर पधारेला. गुरुदेवना दर्शनथी
वीरजीभाईने घणी प्रसन्नता थई. जामनगर तेमज चेलागामना घणा भाईओए
गुरुदेवनो लाभ लीधो. जामनगर जतां वच्चे राजकोट मुकामे मानस्तंभ तथा
समवसरणना दर्शनथी गुरुदेवे प्रसन्नता व्यक्त करी हती. पोष वद छठ्ठे गुरुदेव सोनगढ
पधार्या.
बाहुबली महामस्तकाभिषेक..आवता वर्षे
श्रवणबेलगोला (मैसुर प्रान्त) मां ईन्द्रगिरि पहाडीमां श्री बाहुबली
भगवानना अति उन्नत ध्यानमय वीतराग प्रतीमा कोतरेला छे. अमुक अमुक वर्षे आ
प्रतिमाजीनो महा मस्तकाभिषेक थाय छे; छेल्ले महाभिषेक ई. स. १९प३ ना मार्च
मासमां थयो हतो..ते वखते दक्षिणमां जनारा हजारो यात्रिको सोनगढ पण आव्या
हता, ने सोनगढमां मानस्तंभ–प्रतिष्ठा महोत्सवनी तैयारी चालती हती. त्यार पछी
आ वर्षे मार्च मासमां बाहुबली भगवाननो महाअभिषेक थवानो हतो, परंतु देशनी
परिस्थिति वश ते अभिषेक आगामी वर्ष उपर मुलतवी राखेल छे.
बाहुबलीस्वामीनी प्रतिमाजी एटला उन्नत छे के चालु दिवसोमां नीचे ऊभा ऊभा
तेमना गोठण सुधीनो पण अभिषेक थई शकतो नथी. टचली आंगळी दस ईंच लांबी छे
ने पगनो अंगूठो चार फूटनो छे. कूल ऊंचाई प७ फूट छे. प्रतिमाजीनो मस्तकाभिषेक