Atmadharma magazine - Ank 272
(Year 23 - Vir Nirvana Samvat 2492, A.D. 1966)
(Devanagari transliteration).

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षट्खंडागम वगेरे जिनवाणीनी ताडपत्रीय प्रतो आ जिनमंदिरमां बिराजमान
छे. सुप्रसिद्ध रत्नमणिना ३प जिनबिंबो पण आ मंदिरमां बिराजे छे. पू. गुरुदेव साथे
आपणे बे वार आ पावन तीर्थनी यात्रा करी छे ने अत्यंत भक्तिथी जिनबिंबो तथा
जिनवाणीनां दर्शन कर्यां छे.
षट्खंडागम वगेरे सिध्धान्तग्रंथोनी ताडपत्रीय प्रतो.
नीचेथी उपर तरफ प्रथम प्रत धवलनी छे, बीजी महाधवल (महाबंध) तथा
त्रीजी जयधवलनी छे. आ पवित्र श्रुतना प्रतापे मूडबिद्रि ए दक्षिणदेशनुं एक पावन
तीर्थं बन्युं छे.