Atmadharma magazine - Ank 272
(Year 23 - Vir Nirvana Samvat 2492, A.D. 1966)
(Devanagari transliteration).

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: जेठ : २४९२ आत्मधर्म : १ :

वर्ष २३
अंक
वार्षिक लवाजम वीर सं. २४९२
रूा. जेठ
(श्रुतपंचमी)
केवळज्ञानने
बोलावीए
छीए
ऋजुवालिकानदीना तीरे वैशाख सुद दशमे क्षपकश्रेणी द्वारा सर्वज्ञताने
पट्खंडागम’ ना नवमा पुस्तकमां कह्युं छे के विनयवान शिष्य
मतिज्ञानना बळे केवळज्ञानने बोलावे छे; तेम विनयथी आपनी सर्वज्ञताना
बहुमान वडे अमे अमारा केवळज्ञानने बोलावीए छीए.