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विद्वानोए जैनशासनने शोभाव्युं छे ने धार्मिकसाहित्यमां खूब महत्वनो फाळो आप्यो
छे. महावीरजयंति वगेरे उत्सवो धामधूमथी उजवाय छे. आ वर्षे पू. गुरुदेवनी
जन्मजयंति पण उत्साहथी उजवाई हती जयपुर हवे फरीने विशेष जागृत थतुं जाय
छे....पूरणचंदजी गोदिका वगेरेना उत्साहथी अहींनुं मुमुक्षु मंडळ पण सारी प्रगति साधी
सहकार आपी रह्या छे. पं. टोडरमल्लजी स्मारकभवनना उद्घाटन प्रसंगे पू.
कानजीस्वामी जयपुर पधारे तेनो लाभ लेवा जयपुरसमाजना हजारो जिज्ञासुओ
ईन्तेजारीपूर्वक राह जोई रह्या छे. (स्मारकभवननुं उद्घाटन आगामी वर्षे फागण
लगभगमां थवानो संभव छे.)
उत्साहपूर्वक स्वागत कर्युं हतुं. तथा समवसरण अने मानस्तंभनी प्रतिष्ठानो प्रथम
वार्षिक महोत्सव उजवायो हतो, ते दिवसे जिनेन्द्रदेवनी भव्य रथयात्रा नीकळी हती,
पंदर दिवस दरमियान श्री समयसारनी गाथा ६–७ ११ तथा १प उपर अने कळशटीका
जिज्ञासुओ खूब रस लेता हता.
विद्यार्थीओनो शिक्षणवर्ग पण चाली रह्यो छे.