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पू. बेनश्रीबेननी वच्चे ऊभेली नजरे पडे छे. गुरुदेव कहे छे के आ
राजुलने अढी वर्षनी उंमरे पोताना पूर्वजन्मनुं ज्ञान थयुं छे के पूर्व
भवे हुं जुनागढमां गीता हती. पोताना पूर्वभवना (गीताना) माता–
पिता अत्यारे जुनागढमां छे तेमने आ राजुले ओळखी काढया. वगेरे
हकीकतो पछी कह्युं के आ राजुलने तो आ ज क्षेत्र साथेनो संबंध एटले
तेना पूरावा बतावी शकाय, परंतु बेनने तो आत्माना ज्ञान सहित
रीते बतावी शकाय? ए तो अंतरना पूरावाथी सिद्ध थई गयेली वात
छे. (विगेरे घणी घणी वात गुरुदेवे प्रमोदथी करी हती.)