Atmadharma magazine - Ank 275
(Year 23 - Vir Nirvana Samvat 2492, A.D. 1966)
(Devanagari transliteration).

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: ३८ : आत्मधर्म : भादरवो : २४९२
* मध्यप्रदेशनी सरकारे पर्युषणपर्वमां भाद्र सु. प थी १प सुधीना ११ दिवस सुधी
जैन कर्मचारीओने माटे बे कलाक मोडा आववानी छूट आपीने खास सुविधा
आपेल छे.
* श्री सम्मेदशिखरजी संबंधमां हालमां बिहार सरकार साथे जे करार थया तेनाथी
दिगंबर के श्वेतांबर बेमांथी कोईने नवा विशेष हक्क प्राप्त थता नथी, के
बेमांथी कोईना जुना हक्कोने बाधा पहोंचती नथी. अगाउ कोर्ट द्वारा जे प्रमाणे
हक्क नक्की थयेला ने यथावत् रहेवानी अने तेनुं संरक्षण थवानी बाहेंधरी
उपरोक्त करारथी मळे छे.
* दक्षिण देशमां “कुंदकुंद विद्यापीठ ब्रह्मचर्याश्रम” ने चार लाख रूपियानुं दान
एम. के. जिननाथन तरफथी मळ्‌युं छे. पहेलां पण तेमणे आ क्षेत्रने पांच लाख
रूपिया आप्या हता. सीमोगा, हुमच, बेंगलोर तथा तुमुकुर वगेरेमां सारी
जागृती आवी छे.
–जैनमित्र
* जैनोनी वस्तीगणतरीनुं कार्य चाली रह्युं छे, जेमां लगभग अडधुं कार्य थयुं छे,
तेमां पण पचासलाखनी गणतरी नोंधाई गई छे. आ उपरथी समस्त जैनोनी
वस्ती एक करोड जेटली होवानुं द्रढ अनुमान सहेजे थई शके छे.
* घाटकोपर:– अहीं मुमुक्षु मंडळ उत्साहपूर्वक चाली रह्युं छे ने अवारनवार विशेष
कार्यक्रमो पण योजाय छे. वळी जिनेन्द्रभगवाननी पधरामणी थया पछी
मुमुक्षुओ वधु उत्साहित बन्या छे. ता. २८–८–६६ ना रोज प्रवचन वगेरेनो
विशेष कार्यक्रम राखवामां आव्यो हतो. तेमां कहाननगर सोसायटी (दादर)
पाठशाळाना बाळकोए संवाद वगेरेनो सुंदर कार्यक्रम आप्यो हतो. मुंबई मुमुक्षु
मंडळना प्रमुखश्री रमणीकभाई आ प्रसंगे हाजर हता ने तेमना हाथे बाळकोने
ईनाम वहेंचाया हता.

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: भादरवो : २४९२ आत्मधर्म : ३९ :
* आवता वर्षमां जयपुरमां पं. श्री टोडरमल्लजीनी द्विशताब्दिनो समारोह थशे.
श्रीमान पंडितजी जयपुरमां थया, अने मोक्षमार्गप्रकाशक वगेरेनी रचना पण
तेमणे जयपुरना जिनमंदिरमां करी हती.
* सौराष्ट्रना संत श्रीमद् राजचंद्रजी ववाणीया गाममां सं. १९२४ना कारतक सुद
पुनमे जन्म्या हता. आवती सालना कारतक सुद पुनमे तेमने एक सोमुं वर्ष
बेसशे; ने १९२४ ना कारतक सुद पुनमे सो वर्ष पूरा थशे. ते प्रसंगे श्रीमद्
राजचंद्रशताब्दि महोत्सव उजववानुं आयोजन (अमदावाद वगेरेमां) चाली
रह्युं छे.
* श्री भारतवर्षीय दि. जैन तीर्थक्षेत्र कमिटिनी प्रबंधकारिणी कमिटिना एंक सदस्य
सम्मेदशिखर प्रकरणना सुखद अंत बाबत हर्ष व्यक्त करीने जणावे छे के, ३०–
४० वर्ष पहेलां पण आवी घटना बनी हती, ने ते वखते आपणा तीर्थंक्षेत्रनी
रक्षाना महान कार्यकर्ता सर शेठ हुकमीचंदजी वगेरेए तीर्थक्षेत्र कमिटिने मजबूत
बनाववा माटे दि० जैनोना प्रत्येक घरदीठ वार्षिक एक रूपियो तीर्थरक्षा–फंडमां
अपाय एवी योजना बनावी हती.
जो ते योजना त्यारथी व्यवस्थित चालु रही होत तो लाखो दि० जैनना
घरोमांथी अत्यारसुधीमां केटलाय लाख रूपिया एकठा थया होत! आजे आ
योजनानी खास आवश्यकता छे, ने तीर्थं प्रत्ये भक्तिपूर्वक आटलो सहयोग
आपवा घरघरना जैनो खुशी छे. तो आ योजना विचारीने तेनो अमल
करवानुं अने तेमां आळस न करवानुं कमिटिना सभ्य सूचवे छे. आथी आपणा
पूज्य तीर्थोनी संभाळ करनारी तीर्थक्षेत्र कमिटिना हाथ मजबूत बनशे अने
समाजना उत्साहभर्या सहकारथी तेनुं कार्य सरळ बनशे......आपणा तीर्थोनी
उन्नति थशे (
जैन सन्देश ना आधारे)
आत्मधर्मनुं नवा वर्षनुं लवाजम त्रण
रूपिया वेलासर मोकलीने व्यवस्थामां सहकार आपो
जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट
सोनगढ: सौराष्ट्र

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: ४० : आत्मधर्म : भादरवो : २४९२
[धर्मवत्सल बालबंधुओ, गया वखते प्रश्नो पूछया न हता तेथी तमने मजा नहि
पडी होय! आ वखते चार प्रश्नो आपीए छीए. जराक विचारीने जवाब लखजो. जवाब
पोस्टकार्डमां लखजो, तेथी साथे सभ्य नंबर तथा सरनामुं लखजो. बीजुं कांई तेमां न
लखशे; बीजुं लखवुं होय तो जुदा पत्रमां लखशो. जेमने नवा सभ्य थवानुं होय तेओ
पोतानुं नाम–सरनामुं, उमर, अभ्यास तथा जन्मदिवस एटली विगत लखीने (आत्मधर्म
बालविभाग, सोनगढ सौराष्ट्र) ए सरनामे मोकली आपे. सभ्य थवा माटे कांई फी होती
नथी; तमे सौ आनंदथी धर्ममां रस ल्यो ए ज फी छे.
]
* न वा प्र श्नो * [जवाब १० मी तारीख सुधी ज लखवा.]
१. मोक्षनो मार्ग सम्यग्दर्शन–ज्ञान–चारित्ररूप छे, तो राग तेमां आवे के नहीं?
२. बालब्रह्मचारी तीर्थंकर भगवान केटला? अने कया कया?
३. संसारमां चार गति छे–नरक, तिर्यंच, मनुष्य ने देव; आ चार गतिमां तो जीव
घणीवार जई आव्यो; तो हवे ए चार गतिथी जुदी पांचमी एक सरस मजानी
गति छे, जे गतिमां जवानुं आपणने बहु गमे छे,–ते गति शोधी काढो.
४. [र ण व ध ग दे] आ छ अक्षरमां आपणा जैनधर्मना एक घणा मोटा
महात्मा बिराजे छे, तेमने ओळखी ल्ये.
आ गायना गोवाळने तमे
ओळखो छो? केवो सरस मजानो
भद्रिक एनो चहेरो छे! ए कोण
छे? ने शुं करे छे? ते जाणीने
तमने घणो ज आनंद थशे. तमे
एने ओळखी लेजो. नहितर
आवता अंकमां नानकडी कथाद्वारा
तेनी ओळखाण करावीशुं.

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: भादरवो : २४९२ आत्मधर्म : ४१ :
२४ भगवान
चोवीस तीर्थंकरभगवानना नाम मोढे करवानुं अगाउ बालविभागमां लख्युं
हतुं; तमे ते मोढे कर्या हशे. तेमां वासुपूज्य, मल्लिनाथ, नेमनाथ, पार्श्वनाथ ने महावीर
ए पांच भगवंतो बालब्रह्मचारी हता. हवे–
(१) तमे ए पांचे बालब्रह्मचारी भगवंतोना नंबरनो सरवाळो करो जोईए! जो
तमारो सरवाळो साचो हशे तो १०० मार्क.
(२) ए पांच सिवाय बाकीना १९ तीर्थंकर भगवानना नंबर जुदा लखीने तेनो
सरवाळो करो, एटले तमने २०० मळशे.
(३) हवे एक साथे १ थी २४ सुधीना बधाय भगवानना नंबरनो सरवाळो करशो
तो बराबर ३०० थशे.
केवो सरस मेळ छे!
मोक्षनो मार्ग
गया अंकमां एक चित्रमां मोक्षमार्ग शोधवानुं हतुं; तमे ते मार्ग शोधी काढयो
हशे. रस्तो आ प्रमाणे हतो–सौथी पहेलां बाळकना डाबा हाथ तरफ सीधा जवुं, पछी
नीचे उतरवुं ने पछी उपर उपर चाल्या जवुं. आमां सीधा जवुं ते सरळता बतावे छे,
नीचे उतरवानुं नम्रता सूचवे छे, ने पछी उपर जवानुं छे ते उन्नति माटेना ऊंचाऊंचा
परिणाम सूचवे छे. आ सरळता नम्रतापूर्वक ऊंचाभावथी सत्समागम सुधी आवी
पहोच्यां; हवे सत्समागमे सम्यग्दर्शन–ज्ञान–चारित्रनी आराधनारूप सीधो मोक्षमार्ग
देखाय छे ने तेनी आराधनाथी मोक्ष पमाय छे. चारगतिना चक्रथी छूटीने आवा
मार्गनी आराधना वडे आपणे मोक्ष पामीए–एवी भावना आ चित्रद्वारा व्यक्त
करवामां आवी छे.
• बंधुओ, आ भादरवा सुद पांचमथी १४ सुधी पर्युषणपर्व छे. तेमां धर्मनी खूबखूब
भावना करजो. हररोज दर्शन–पूजन–होंशथी करजो. धर्मात्मा महापुरुषोना पवित्र
जीवनने याद करी करीने तेमना जेवा थवानो प्रयत्न करजो. नवा नवा शास्त्रो वांचजो.
बंधुओ, आ दशे दिवसोमां रात्रिभोजननो जरूर त्याग करजो; ने पछी पण
हंमेशने माटे ए रात्रिभोजनना पापने तिलांजलि आपी देजो. तमे रात्रिभोजन
छोडशो एटले तमारा घरमांथी पण सहेजे रात्रिभोजन छूटी जशे.

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: ४२ : आत्मधर्म : भादरवो : २४९२
बाल विभागना नवा सभ्यो
आत्मधर्मना बालविभागमां ३६० करतां वधु सभ्यो कोलेजियनो छे; कोलेजना
उच्च शिक्षणनी साथे साथे, ते कोलेजना अभ्यास करतां धार्मिक अभ्यासने वधु
महत्त्वनो समजीने अत्यंत रसपूर्वक तेमां भाग लई रह्या छे. आटली मोटी संख्यामां
कोलेजना विद्यार्थीओ धर्मअभ्यासमां भाग लई रह्या छे ते मात्र बालविभागनुं ज
नहि परंतु समस्त जैनसमाजनुं एक गौरव छे. पू. गुरुदेवनी विशिष्ट
तत्त्वप्रतिपादनशैलि एवी आत्मस्पर्शी छे के युवकवर्ग पण तेमां उत्साहथी रस ल्ये छे.
आत्मधर्मना बालविभागमां पण गुरुदेवनो ज हितोपदेश बाळको समजी शके तेवी
सरळ शैलिथी रजु करवामां आवे छे.
१३७७ विनोद एल. जैन सोनगढ १४०१ विक्रम वी. जैन मुंबई–७७
१३७८ नरेन्द्र जे. जैन १४०२ ललीताबेन चकुभाई जैन फतेपुर
१३७९ श्रीकान्त के. जैन १४०३ जयसुखलाल पी. जैन मुंबई–३०
१३८० प्रेमजी गांगजी जैन १४०४ जयेन्द्र जे. जैन सोनगढ
१३८१ हरेन्द्र रवीचंद जैन १४०प विजय चंदुलाल जैन
१३८२ रजनीकान्त सी. जैन प्रांतीज १४०६ केतकीबेन मयाभाई जैन मुंबई–२०
१३८३ सुमतिलाल जैन १४०७ सुमतीलाल जैन प्रांतीज
१३८४ नैलेशकुमार जैन १४०८ भूपेन्द्र भोगीलाल जैन मुंबई–३
१३८प सूर्या चंपकलाल जैन सुरेन्द्रनगर १४०९ कान्ताबेन वाडीलाल जैन लाठी
१३८६ अरूणा एम. जैन मुंबई–पप १४१० हरीशकुमार एस. जेन जामनगर
१३८७ हिना पी. जैन मुंबई–२२ १४११ महेश. एस जैन
१३८८ अमीन पी. जैन १४१२ गीरीशाबेन. एस. जैन
१३८९ दिप्ती ए. जैन १४१३ कौशीक हिंमतलाल जैन लाठी
१३९० पारूल ए. जैन १४१४ भावना हिंमतलाल जैन
१३९१ पराग पी. जैन मुंबई–२ १४१प राजेश हिंमतलाल जैन मुंबई–२८
१३९२ आशीका पी. जैन १४१६ वर्षा हिंमतलाल जैन
१३९३ केतन पी. जैन १४१७ राजचंद हिंमतलाल जैन
१३९४ ईलाबेन जी. जैन १४१८ जागृती हिंमतलाल जैन
१३९प जनकलालजी जैन १४१९ महेश पी. जैन
१३९६ नीरंजन आर. जैन सुरेन्द्रनगर १४२० धीरेन आर. जैन
१३९७ दीपक अमृतलाल जैन १४२१ वीरेन्द्र आर. जैन
१३९८ भद्रेश नगीनदास जेन नापाड १४२२ ज्योतीन्द्र आर. जैन
१३९९ राजेन्द्र नगीनदास जैन सोनगढ १४२३ संजयकुमार बी. जैन बोटाद
१४०० उषाबेन मनसुखलाल जैन १४२४ नीरूपाबेन बी. जेन

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: भादरवो : २४९२ आत्मधर्म : ४३ :
१४२प नयनकुमार बी. जैन बोटाद १४प९ सुशीलाबेन के. जैन फतेपुर
१४२६ दिलीपकुमार बी. जैन १४६० मीष्टाबेन डायालाल जैन हिंमतनगर
१४२७ मीनाक्षीबेन बी. जैन १४६१ बीपीनचंद्र ताराचंद जेन
१४२८ अशोककुमार बी. जैन १४६२ भरतकुमार ताराचंद जैन
१४२९ प्रदीपकुमार बी. जैन १४६३ नरेशकुमार ताराचंद जैन
१४३० राजेशकुमार एन. जैन मुंबई–६४ १४६४ उर्मीलाबेन ताराचंद जैन
१४३१ मनोजकुमार एन. जैन १४६प कल्पना ताराचंद जेन
१४३२ अशोककुमार एन. जैन १४६६ अरवींद चंदुलाल जैन
१४३३ महेन्द्रकुमार सी. जैन भाल १४६७ चन्द्रकांत कांतीलाल जैन
१४३४ सुधाबेन पी. जैन राजकोट १४६८ लीलाकुमारी हरखचंद जैन सायला
१४३प चंद्रकांत जैन अमदावाद १४६९ अनसुयाबेन मोहनलाल जैन राजकोट
१४३६ शैलेष जे. जैन सुरत १४७० नीर्मळाबेन मोहनलाल जैन राजकोट
१४३७ हीरेन सी. जैन मुंबई–६४ १४७१ हेमलत्ताबेन मोतीलाल जैन खंडवा
१४३८ अनील आर. जैन मुंबई–७७ १४७२ शोभनाबेन ठाकोरदास जैन रानकुवा
१४३९ गीरीश आर. जैन १४७३ किशोरचंद ठाकोरदास जैन
१४४० वर्षाबेन मनमोहन जैन मुंबई–पप १४७४ मालतीबेन ठाकोरदास जैन
१४४१ सुबोधकुमार मनमोहन जैन १४७प शैलाबेन दशरथलाल जैन
१४४२ नीलेश निरंजन जैन १४७६ अंजनाबेन रमेशचंद्र जैन
१४४३ रमेशकुमार ताराचंद जैन मुंबई–९ १४७७ प्रतीभाबेन पानाचंद जैन मुंबई
१४४४ दिनेशकुमार कचरालाल जैन प्रांतीज १४७८ अशोककुमार वाडीलाल जैन सावरकुंडला
१४४प अशोककुमार कचरालाल जैन १४७९ दिनेशचंद अमृतलाल जैन बालीसणा
१४४६ हसमुख कान्तीलाल जैन १४८० पोपटलाल गाभालाल जेन बालीसणा
१४४७ जयकुमार वीरचंद जैन १४८१ नीरूपाबेन चंपकलाल जैन अंकलेश्वर
१४४८ प्रकाशकुमार मणीलाल जैन १४८२ राजेन्द्र मोहनलाल जैन वालवोड
१४४९ नरेशभाई जीवराज जैन १४८३ रवीन्द्र मोहनलाल जैन वालवोड
१४प० वसंतकुमार एम. जैन १४८४ हसमुख मोहनलाल जैन
१४प१ हेमंतकुमार फतेचंद जैन पोरबंदर १४८प बीपीनचंद्र जेन्तीलाल जैन थानगढ
१४प२ ज्योतीबेन कान्तीलाल जैन पुना १४८६ देवेन्द्र जेन्तीलाल जैन
१४प३ कोकीलाबेन वीरचंद जैन मुडेटी १४८७ नुतन जेन्तीलाल जैन बारोजा
१४प४ ईलाबेन जे. जैन गोंडल १४८८ अतुल जेन्तीलाल जैन
१४पप प्रदिपकुमार शीवलाल जैन जेतपुर १४८९ प्रकाशचंद्र सुंदरलाल जैन अमदावाद
१४प६ हरेशकुमार जेन्तीलाल जैन मुंबई–७७ १४९० प्रतीभाबेन कान्तीलाल जैन
१४प७ भरतकुमार जेन्तीलाल जैन लाठी १४९१ प्रतीककुमार कान्तीलाल जैन प्रांतीज
१४प८ विनयचंद एम. जैन वींछीया १४९२ सुभाषचंद्र मणीलाल जैन प्रांतीज

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: ४४ : आत्मधर्म : भादरवो : २४९२
१४९३ रजनीकान्त शान्तीलाल जैन सोनगढ १प२२ डाह्यालाल हरिलाल जैन प्रांतीज
१४९४ महेन्द्र धरमचंद जेन १प२३ गाभालाल पुंजालाल जैन
१४९प हरेश प्राणलाल जैन सोनगढ १प२४ दर्शनाबेन प्रफुलभाई जैन जमशेदपुर
१४९६ हसमुख शान्तीलाल जैन १प२प कल्पनाबेन प्रीतमलाल जैन अंधेरी–६१
१४९७ पंकजकुमार कनकचंद जैन जमशेदपुर १प२६ रश्मीकुमार प्रीतमलाल जैन मुंबई–६१
१४९८ दिलिपकुमार अमथालाल जैन प्रांतीज १प२७ रमेशचंद्र अंबालाल जैन पाटी
१४९९ हेमांशु अरूणभाई जैन शायन १प२८ भरतकुमार अंबालाल जैन हिंमतनगर
१प०० ईन्दीराबेन छबीलदास जैन भूज १प२९ ज्योत्सनाबेन नगीनदास जैन कलकत्ता
१प०१ सुशीलाबेन छबीलदास जैन १प३० कीर्तीकुमार नगीनदास जैन
१प०२ देव्यानीबेन छबीलदास जैन ” १प३१ अरविंदकुमार नगीनदास जैन
१प०३ संजयकुमार छबीलदास जैन ” १प३२ जितेन्द्रकुमार कोदरलाल जैन नवा
१प०४ संजयकुमार शान्तीलाल जैन घाटकोपर १प३३ पिनकीबेन धनपाळ जैन दादर
१प०प किशोरकुमार उमेदचंद जैन दलडी १प३४ दिप्तीबेन धनपाळ जैन
१प०६ दिलिपकुमार उमेदचंद जैन दलडी १प३प आशाबेन धीरजलाल जैन मुंबई–प७
१प०७ शैलेश मणीलाल जैन १प३६ रमेशचंद्र पोपटलाल जैन मुंबई–१६
१प०८ भूपेन्द्रकुमार अमुलखभाई जैन जोरावरनगर १प३७ रजनीकांत पोपटलाल जैन
१प०९ रंजनबेन. बी. जैन १प३८ नरेन्द्रकुमार पोपटलाल जैन
१प१० चेतन सी. जैन अमदावाद १प३९ हर्षदराय पोपटलाल जैन
१प११ जागृतिबेन सी. जैन १प४० हीरालाल भीखाभाई जैन रखीयाल
१प१२ संगीताबेन सी. जैन १प४१ विजयकुमार माणेकलाल जैन मुबंई–२
१प१३ भावनाबेन ए. जैन सावरकुंडला १प४२ उमेशकुमार माणेकलाल जैन
१प१४ प्रविणाबेन ए. जैन १प४३ नलीनीबेन छोटालाल जैन सुदासणा
१प१प संगीता बी. जैन जोरावरनगर १प४४ अश्वीनकुमार छोटालाल जैन
१प१६ मनोजकुमार शान्तीलाल जैन अमदावाद १प४प विनोदचंद्र के. जैन सलाल
१प१७ उर्मिलाबेन बी. जैन हिंमतनगर १प४६ अनिलकुमार चीमनलाल जैन
१प१८ सतीशचंद्र एम. जैन १प४७ महेन्द्रकुमार के. जैन
१प१९ रजनीकान्त एम. जैन १प४८ उषाबेन कोदरलाल जैन मुनाई
१प२० तरूणकुमार धुरालाल जैन तलाद १प४९ भारतीबेन महेन्द्र जैन मुंबई–३१
१प२१ ज्योत्सना आर. जैन

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समयसार (पंदरमी वखत प्रवचनो)
ग्रंथाधिराज समयसार एटले गुरुदेवना जीवनना साथीदार; गुरुदेवे पोते अंगत
रीते सेंकडोवार ए महाशास्त्रना स्वाध्याय–मनन करेल छे. ने सेंकडो–हजारो मुमुक्षुओनी
सभामां पंदरमी वखत एना उपर विस्तृत प्रवचनो चाली रह्यां छे. अधिक श्रा. सुद १० ना
रोज योगसार–प्रवचनो पूर्ण थया ने श्रावण सुद ११ ना रोज समयसार उपर पंदरमी वखत
प्रवचनोनो अत्यंत उल्लासकारी मंगल प्रारंभ थयो....सिद्धभगवंतोने आदर्शरूपे आत्मामां
स्थापी नमस्कार कर्या, आत्मामां सिद्धपणुं स्थापीने ‘हुं सिद्ध तुं सिद्ध’ एवुं अपूर्व
मंगलाचरण कर्युं–जाणे साधकपणानी शरूआतनो उत्सव उजवायो. आ उत्सव प्रसंगे
सवारमां जिनवाणी–पूजन बाद, समयसारना बहुमानरूपे नानकडी रथयात्रा नीकळी ने सौ
जिनवाणीना गीत गातांगातां प्रवचनमां आव्यां. “नम: समयसार” नुं मंगलप्रवचन करती
वखते शुद्धात्मा प्रत्ये गुरुदेवना भावो एवा उल्लसी जाय छे के ए उल्लासतरंगनी छोळ
श्रोताना हृदयने पण भींजवी दे छे. पंदरमी वखतनुं आ मंगल प्रवचन सांभळीने उल्लास
आवतां शेठश्री मगनलाल सुंदरजी महेताए रूा. पंदरसो ज्ञानखाते जाहेर करीने समयसार
प्रत्येनी भक्ति व्यक्त करी हती. ईंदोरना प्रसिद्ध पंडित श्री बंसीधरजी शास्त्री पण आ प्रसंगे
सोनगढ होवाथी समयसारनी आवी उल्लासकारी शरूआत देखीने खूब प्रसन्न अने
प्रभावित थया हता. खरेखर, ‘समयसार’ वडे शुद्धात्मस्वरूप दर्शावीने संतोए भव्य जीवो
उपर महान उपकार कर्यो छे.
जय समयसार
[समयसार संबंधी आ समाचार गतांकमां छापवा माटे लखी मोकलेल, पण ते गेरवल्ले
जवाथी गतांकमां छपाया नहि. तेवी फरीथी लखीने आ अंकमां विलंबथी ते समाचार छपाय छे.
*
पालेजना भाईश्री आणंदजी नागरदास श्रावण सुद त्रीजना रोज स्वर्गवास पाम्या छे.
तेओ गुरुदेवना जुना परिचीत हता अने अवारनवार भक्तिथी सोनगढ आवीने लाभ
लेता हता.
* देहगामना भाईश्री बाबुलाल डायाभाई प्र. श्रावण वद ११ ना रोज स्वर्गवास पाम्या छे.
तेओ अगाउ केटलाक वर्षो सोनगढमां रह्या हता ने तत्त्वनो अभ्यास करता हता.
* बरवाळाना स्व. भाईलाल पुरुषोत्तमना पुत्री सुरजबेन ता. ४–९–६६ ना रोज मुंबईमां
स्वर्गवास पाम्या छे. तेओ अवारनवार सोनगढ आवीने सत्संगनो लाभ लेता हता.
* राजकोटना भाईश्री हीराचंद दामोदरदास लाखाणी ता. १३–८–६६ ना रोज ६७ वर्षनी
वये स्वर्गवास पाम्या छे. अवारनवार तेओ सोनगढ आवता.
स्वर्गस्थ आत्माओ धर्मसंस्कारमां आगळ वधीने आत्महित पामो.

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ATMADHARM Regd No. 182
उपादेय परंपरा आत्मधर्म–विकास तथा बालविभाग माटे आवेल
रकमोनी साभार नोंध
प) सरोजबेन अमृतलाल फतेपुर
९) अक्षय वृजलाल मोदी मुंबई
१४) चेतन वृजलाल मोदी
१०१) चंदनबेन केशवलाल दहेगांव
२प) प्रेमचंद पानाचंद शाह घाटकोपर
प१) अनुपचंद मूळजी खारा रांची
२प) मणीबेन उजमशी वढवाण
११) निरंजनकुमार नवनीतलाल सोनगढ
१०१) सायला (मारवाड) दि जैन मुमुक्षु मंडळ
११) विमळाबेन रीखवदास
मुंबई
२६) गुजरातना मुमुक्षु भाईओ तरफथी
प) शैलेशकुमार
भोगीलाल फतेपुर
प) सरोजबेन ताराचंद उजेडीया
२प) वसंतलाल वृजलाल गांधी मुलुंड
२प) हिंमतलाल हरखचंद मोरबी
भा द्र मा स ना मं ग ल दि व सो
सुद प थी १४ दसलक्षणी पर्युषण पर्व (शाश्वतपर्व)
सुद ६ सुपार्श्वनाथ गर्भकल्याणक (बनारस–काशीनगरी)
सुद ८ पुष्पदन्त–मोक्षकल्याणक (सम्मेदशिखर)
सुद १४ वासुपूज्य–मोक्षकल्याणक (सम्मेदशिखर)
वद १
उत्तम क्षमावणी पर्व
वद २ नेमिनाथ–केवळज्ञान (मिथिलानगरी)
आसो शुद १ नेमिनाथ–केवळज्ञान (गिरनार–सहस्रआम्रवन)
दसलक्षणना दिवसोमां रात्रिभोजननो त्याग करो.
कायम माटे रात्रिभोजन छोडवानो संकल्प करो.
जैनोना घरघरमांथी रात्रिभोजनने तिलांजलि आपवानी
आ झुंबेशमां जोडाईने तेने वेगवंती बनावो.
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