नामनो दूत समाचार लाव्यो के भगवान मोक्ष जवानी तैयारी करी रह्या छे.
वखते भगवान ऋषभदेव
पूर्वमुखे अनेक मुनिओ सहित
पर्यंकासने बिराजमान थया,
सूक्ष्मक्रियाप्रतिपाति नामना
त्रीजा शुक्लध्यानवडे त्रणे योगनो
निरोध करीने अयोगी थया;
अंतिम गुणस्थाने पांच
लघुस्वरना उच्चारण जेटला
समयमां चोथा
व्युपरतक्रियानिवर्ति नामना
शुक्लध्यानवडे चार
ऊर्ध्वगमन करी तनुवातवलयमां लोकाग्रे बिराजमान थया. आत्मसुखमां तल्लीनपणे
अत्यारे पण तेओ त्यां बिराजी रह्या छे.
वृषभसेनगणधरे तेमने वैराग्यमय धर्मोपदेशवडे आश्वासन आप्युं ने भगवान
ऋषभदेव वगेरे दसेय जीवोना पूर्वभवोनुं वर्णन कर्युं. (जुओ–दशजीवोनी भवावलीनुं
कोष्टक.)