Atmadharma magazine - Ank 287
(Year 24 - Vir Nirvana Samvat 2493, A.D. 1967)
(Devanagari transliteration).

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समयसार हाथमां आव्युं त्यारे.....
गुरुदेवना हाथमां पहेलीवार सं.
१९७८मां ज्यारे समयसार आव्युं ने
जराक वांच्युं त्यां एवो भणकार आव्यो
के अहो, आ समयसारमां अशरीरी
थवानी वात छे. अशरीरी एवा
सिद्धपदनो मार्ग आमां बताव्यो छे.
अंतरमांथी सिद्धपदना भणकार करती
संतोनी आ वाणी आवी छे. आ
समयसारमां ज्ञायकस्वरूप बतावीने
सिद्धपदनो अलौकिक मार्ग बताव्यो छे.
तंत्री: जगजीवन बावचंद दोशी * संपादक: ब्र. हरिलाल जैन
वीर सं. २४९३ भादरवो (लवाजम: त्रण रूपिया) वर्ष २४ : अंक ११