अनंत शक्तिमान आत्मा छे, तेनी प्राप्ति माटे एटले के तेना अनुभव माटे तेनुं
उत्साहना जोरथी परिणाम तेमां एकाग्र थतां विकल्प तूटी जाय छे ने निर्विकल्प
अनुभव थाय छे. जेम हीरो जेने लेवो होय ते तेनी किंमत समजे छे ने हीरानी परीक्षा
करे छे. हीराने बदले लींबोडी के काचनो कटको लई लेतो नथी; तेम जेेने
चैतन्यचिंतामणि प्राप्त करवो होय तेणे ज्ञानीना उपदेश अनुसार तेनी किंमत समजवी
जोईए, तेनी अनंत शक्तिनी ताकातनो महिमा जाणवो जोईए ने अंतरना वेदनथी
परीक्षा करीने तेनुं स्वरूप समजवुं जोईए. जडने के रागने चैतन्यस्वरूप मानी ल्ये तो
साचुं आत्मस्वरूप समजाय नहि. कोई लींबोडीने नीलमणि मानी ल्ये तो? तेम कोई
जीव रागने ज आत्मा मानी ल्ये तो? –तो ते ऊंधी मान्यतानुं साचुं फळ आवे नहि.
झेरने कोई साकर मानीने खाय तेथी कांई ते मीठुं न लागे, कडवुं ज लागे. तेम विकारने
कोई आत्मस्वरूप मानीने वेदे तो तेथी कांई तेने आत्मानी शांति वेदनमां न आवे.
आकुळता ज वेदाय. माटे यथार्थ आत्मस्वरूप जेम छे तेम बराबर जाणवुं जोईए.
साचा ज्ञाननुं ज साचुं फळ आवे छे. सर्वज्ञ भगवाने जेवो आत्मा कह्यो तेवो आत्मा
जाण्या वगर सम्यग्दर्शन थाय नहि, ने सम्यक्चारित्र पण होय नहि. –केमके पोतानुं
स्वरूप जाण्या वगर ठरशे शेमां? ने स्वरूपमां ठर्या वगर मुक्ति थाय नहि.
मोक्षदशा चारित्र वगर नहि.
चारित्रदशा सम्यकत्व वगर नहि.
सम्यकत्व शुद्धआत्मानी ओळखाण वगर नहि.