Atmadharma magazine - Ank 296
(Year 25 - Vir Nirvana Samvat 2494, A.D. 1968)
(Devanagari transliteration).

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: २६ : आत्मधर्म जेठ : २४९४ :
२०६प नीलेश रसिकलाल जैन लाठी
२०६६ गीरीशकुमार फूलचंद जैन मोरबी
२०६७ मधुबाला एस. जैन मोरबी
२०६८ मालतीबेन प्राणलाल जैन मुंबई–२८
२०६९ लताबेन प्राणलाल जैन मुंबई–२८
२०७० राजेन्द्रकुमार शांतिलाल जैन मुंबई–प६
२०७१ स्मिताबेन शांतिलाल जैन मुंबई–प६
२०७२ हीनाबेन चंपकलाल जैन खस
२०७३ शिल्पाबेन चंपकलाल जैन खस
२०७४ कीर्तिकुमार धीरजलाल जैन परतापरा
२०७प नितिन चीमनलाल जैन जलगांव
२०७६ मगनलाल मोहनलाल जैन थानगढ
२०७७ पल्लवीबेन एन. जैन मुंबई–९२
२०७८ प्रीतिबेन एन. जैन मुंबई–९२
२०७९ हर्षद चीमनलाल जैन अमदावाद
२०८० रजनीकान्त चीमनलाल जैन अमदावाद
: मोकलनार : महेश जे. जैन. (प्री.युनी. कोमर्स, मोरबी)
(१) एक अक्षरनो एवो कयो मंत्र छे के जेनी
अंदर जैनधर्मना बधाय शास्त्रो समाई
जाय छे?
(२) दुनियानी सौथी अजायब वस्तु कई?
(३) विश्वमां मोक्षमार्ग केटला ?
(४) साडाचार अक्षरनी एक सुंदर वस्तु छे;
तीर्थंकरोनी साथे ते सदाय रहे छे; जेनो पहेलो
अक्षर सौने वहालो छे; पण जो पहेला
साथे बीजा अक्षर भळे तो तेनुं ते वस्तु पासे
खंडन थई जाय छे. –ए वस्तु कई?
(प) विश्वना महान त्रण रत्नो कया?
(६) चार अक्षरनुं नाम छे; कानो–मात्र
वगरनुं छे; सदा तीर्थंकरोनी पासे रहे
छे. पंचपरमेष्ठीमां तेमनुं स्थान छे.
...ए महात्मा कोण?
(उकेल आ अंकमांथी शोधी काढो)
कोयडो
(मोकलनार : नैनाबहेन जैन स.नं.१)
त्रण अक्षरनुं नाम छे,
तीर्थंकरनी पुत्री छे,
बालब्रह्मचारी सती छे;
–ते कोण?