Atmadharma magazine - Ank 298
(Year 25 - Vir Nirvana Samvat 2494, A.D. 1968)
(Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


PDF/HTML Page 34 of 45

background image
: श्रावण : र४९४ आत्मधर्म : ३१ :
क्या गुणस्थाने क्या क्या भावो होय छे?
जीवना खास पांच भावो छे–
औपशमिक, क्षायिक, क्षायोपशमिक, औदयिक, ने पारिणामिक.
तेमांथी कया जीवने क्या क्या भावो संभवे छे तेनो विचार;
• सिद्ध भगवंतोने क्षायिक अने पारिणामिक ए बे भावो होय छे. ते
सिवाय संसारी जीवोमां नीचे मुजब समजवुं–
उदयभाव तथा पारिणामिकभाव १ थी १४ बधा गुणस्थानोमां होय छे.
क्षयोपशमभाव १ थी १२ सुधीना बधा गुणस्थानोमां होय छे.
उपशमभाव ४ थी ११ सुधीना गुणस्थानोमां संभवे छे.
• क्षायिकभाव ४ थी ११ गुणस्थानोमां संभवे छे, ने १२ थी १४
गुणस्थानोमां नियमथी होय छे.
कया गुणस्थाने कया भाव संभवे छे ते नीचेना कोठा परथी ख्यालमां आवशे–उदय अने
पारिणामिक ए बे भावो बधा गुणस्थानोमां छे, बाकीना त्रण भावो कोठामां बताव्या मुजब छे.
(तेमां फूदडीनी निशानीवाळा भावो–ते ते गुणस्थाने संभवित छे; अने बाकीना फूदडी– वगरना
भावो ते गुणस्थाने नियमथी होय छे एम जाणवुं.)
गुणस्थान–क्रम –तेमां वर्तता भावो –
क्षयोपशम
क्षयोपशम
क्षयोपशम
क्षयोपशम * उपशम * क्षायिक
क्षयोपशम * उपशम * क्षायिक
क्षयोपशम * उपशम * क्षायिक
क्षयोपशम * उपशम * क्षायिक
क्षयोपशम * उपशम * क्षायिक
क्षयोपशम * उपशम * क्षायिक
१० क्षयोपशम * उपशम * क्षायिक
११ क्षयोपशम * उपशम * क्षायिक
१२ क्षयोपशम क्षायिक
१३ –– –– क्षायिक
१४ –– ––– क्षायिक