Atmadharma magazine - Ank 298
(Year 25 - Vir Nirvana Samvat 2494, A.D. 1968)
(Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


PDF/HTML Page 42 of 45

background image
: श्रावण : र४९४ आत्मधर्म : ३९ :
श्री दिगंबर जैन स्वाध्याय मंदीर ट्रस्ट
श्री सद्गुरुवंदन साथ जणाववानुं के उपरोक्त ट्रस्टनी वार्षिक मीटींग ट्रस्टनी ओफिसमां
नीचेना समये मळशे. तो दरेक ट्रस्टीने हाजर रहेवा विनंती छे.
भादरवा सुदी १ ने ता.२४–८–६८ बपोरेना ४–३० वाग्ये.
भादरवा सुदी २ ने ता.२प–८–६८ बपोरना ४–३० वाग्ये.
ली.
नवनीतलाल चुनीलाल जवेरी
प्रमुख
दि. जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट, सोनगढ
प्रश्नो सात.............उत्तर एक
शुद्ध अध्यात्मनी प्रेरणा आपतुं मासिक क्युंंंंंंंंं?
गुरुदेवनो सन्देश घेरघेर पहोंचाडतुं मासिक क्युं?
आत्मार्थिताने पोषतुं अध्यात्म–मासिक क्युं?
वात्सल्यभावनाने विस्तारतुं मासिक क्युं?
देव–गुरु–धर्मनी सेवाने अपनावतुं मासिक क्युं?
सर्वे जिज्ञासुओनुं प्रिय मासिक क्युं?
बाळकोने धर्मनो उत्साह जगाडतुं मासिक क्युं?
आ सात प्रश्नोना उत्तरनी साथे साथे एक आठमा प्रश्ननो जवाब आपोजी–
– आप आत्मधर्मनुं लवाजम दीवाळी पहेलां भरी देशो ?
लवाजम चार रूपिया –
आत्मधर्म कार्यालय
सोनगढ (सौराष्ट्र)