Atmadharma magazine - Ank 302
(Year 26 - Vir Nirvana Samvat 2495, A.D. 1969)
(Devanagari transliteration).

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: मागशर : २४९प आत्मधर्म : ३९ :
–: विविध समाचार:–
* पू. गुरुदेव सुखशांतिमां बिराजमान छे. सवारे समयसार उपर तथा बपोरे
प्रवचनसार उपर अद्भुत प्रवचनो चाले छे...चैतन्य–शांतिना गंभीर समुद्रनी मधुरी
लहेरोथी भींजातुं मुमुक्षुचित्त सवार–बपोर अढी–अढीघडी सुधी तो गुरुदेवना अंतर
साथे तन्मयता अनुभवे छे.
* कारतक मासनी अष्टाह्निका दरमियान तेरहद्वीप मंडलविधानमांथी प्रथम
सुदर्शन मेरु संबंधी जिनालयोनुं पूजन थयुं हतुं.
* आ मागशर सुद छठ्ठना रोज भावनगरमां नुतन दि. जिनमंदिरना
शिलान्यासनुं मंगलमुहूर्त छे.–पू. गुरुदेव पण ते दिवसे भावनगर पधारवाना छे.
(आप आ वांचता हशो त्यारे तो ते शिलान्यास थई गयुं हशे.) मागशर सुद १२ ना
रोज घाटकोपरमां पण नुतन दि. जिनमंदिरना शिलान्यासनुं मंगलमुहूर्त छे. गत
मासमां मलाड मुकामे जे शिलान्यास थयुं ते भाईश्री बलुभाई चुनीलालना सुहस्ते थयुं
हतुं. ने तेमणे उत्साहपूर्वक भाग लीधो हतो.
* पू. गुरुदेवना आ सालमां मंगल प्रवास बाबतनो जे कार्यक्रम तैयार थई
रह्यो छे तेनी सामान्य रूपरेखा आ प्रमाणे छे: सोनगढमां फागण सुद बीजे
जिनमंदिरनो मंगलदिवस उजवाशे; त्यारबाद प्रस्थान करी, सावरकुंडला अमदावाद
वगेरे गामो थई फागण सुद ११ रणासणगामे (गुजरात) पहोंचशे; त्यां
पंचकल्याणक–प्रतिष्ठा महोत्सव थशे. (अमदावादनो प्रतिष्ठा महोत्सव हमणां मुलतवी
पधारशे ने त्यां तेर दिवस बिराजशे.
राजकोट पछी वच्चेना गामो थई चैत्र वद २–३–४ पालेज अने प–६ सुरत,
स्वागत थशे. त्यां पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव तेम ज ८०मी जन्मजयंति उजवाशे.
(विगतवार संपूर्ण कार्यक्रम हवे पछीना अंकमां आपीशुं.
* कारतक सुद पूनमे श्रीमद् राजचंद्रजीनी १०१ मी जन्मजयंति निमित्ते वींछीयामां
बालिकाओए “महाराणी चेलणा” नुं भावभीनुं धार्मिक नाटक कर्युं हतुं, जेथी सौ प्रसन्न
थया हता ने ईनामो पण वहेंचाया हता. वींछीयामां भाईश्री नगीनभाईए