६६ जेणे राग–द्वेष टाळ्या तेने शुं कहेवाय?
६७ जिनदेव केवा छे?
६८ एक हतो राजा; ते शा माटे रोई पड्यो?
६९ सुखी थवा माटे राजाने मुनिए शुं कह्युं?
७० जीवो बे प्रकारनां छे,–ते क्या?
७१ स्वर्गना जीवो संसारी छे के मुक्त?
७२ जीव क्यां सुधी संसारमां रखडे छे?
७३ मुक्त थवा माटे जीवे शुं करवुं जोईए?
७४ कर्म जीव छे के अजीव?
७प जीवमां कर्म छे?
७६ जीव केम दुःखी थाय छे? अज्ञानथी के
८० मुनि थया पछी भगवान शुं करता हता?
८१ भगवाननो उपदेश सांभळवा कोण
८३ अत्यारे महावीरभगवान अरिहंत छे के
८प सवारमां वहेला ऊठीने तमे शुं करशो?
८६ आपणे हंमेशा शुं–शुं करवुं जोईए?
८७ एक माता बाळकने सारीसारी शिखामण
८९ तमे दररोज शुं करशो?
९० तमे कदी शुं नहि करो?
९१ आतम–भावना भावतां शुं मळे?
९२ ‘सहजानंदी शुद्धस्वरूपी अविनाशी’ ते
९४ देह अने जीव–तेमां अमर कोण?
९प “वंदन अमारां”...तेमां तमे कोने कोने
९७ एक बालक शुं जोवा मागे छे?
९८ आत्मा आंखथी देखाय के नहीं?
९९ आत्मा शेनाथी देखाय?
१०० जन्म वगरनो ने मरण