Atmadharma magazine - Ank 308
(Year 26 - Vir Nirvana Samvat 2495, A.D. 1969)
(Devanagari transliteration).

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: ५२ : आत्मधर्म : जेठ : २४९प
गुरुदेवना श्रीमुखथी वारंवार आवी आनंदकारी जाहेरात सांभळता भक्तोने
घणो ज हर्ष थतो हतो. आम तो गुरुदेव घणा भक्तोने अवारनवार ए वात करता,
पण भरसभा वच्चे, आटली प्रसन्नतापूर्वक अने सीमंधर भगवाननी साक्षीमां गुरुदेवे
आजे जे प्रसिद्धि करी ते खास नवीनता हती. ने श्रोताजनो ए सांभळी धन्यता
अनुभवता हता. वाह! आजनी यात्रा सफळ थई. गुरुदेव पण अहींना प्रसंगने फरी
फरी सेंकडोवार आनंदथी याद करे छे. ने विदेहना साधर्मीओ पण आ वात जाणीने
आनंदित थता हशे.
जाणे विदेहक्षेत्रनी यात्रा करता होय एवा उमंगथी आ बयानानी यात्रा करीने
गुरुदेवे आ सीमंधर भगवानने सारा भारतमां प्रसिद्ध करी दीधा. एटलुं ज नहि, ए
सीमंधर भगवान साथेना पूर्वभवना संबंधने पण आनंदपूर्वक प्रसिद्ध करीने महान
मंगल कर्युं.
सीमंधर भगवाननो जय हो!
बपोरे पण फरीफरीने सीमंधरनाथनुं अवलोकन करवा गुरुदेव पधार्या हता;
वारंवार सूक्ष्मताथी अवलोकन करतां तेमना अंतरमां अवनवा भावो जागता हता; ने
पूर्वनां घणा मधुर स्मरणो ताजां थतां हता. भक्तोने त्यारे एम थतुं हतुं के अहीं आ
भरतक्षेत्रमां सं. १प०७ मां ज्यारे आ सीमंधरभगवान स्थपाता हशे त्यारे गुरुदेव
अने पू. बेनश्री–बेन वगेरे आत्माओ तो विदेहक्षेत्रमां साक्षात् सीमंधरनाथने सेवता
हशे! ए वखते बयानामां कोने कल्पना हशे के प१६ वर्ष पछी साक्षात् सीमंधर
भगवान पासेना भक्तो अहीं आवीने आ सीमंधरनाथनां दर्शन–पूजन करशे! बपोरे
भक्तोने भावना जागी के गुरुदेव साथे अहीं आव्या छीए तो चालो, भगवाननो
अभिषेक पण करीए ने गुरुदेव पासे पण अभिषेक करावीए. उत्साहथी अभिषेक
माटेनी उछामणी थई, ने गुरुदेवे स्वहस्ते भावभीना चित्ते पोताना वहाला नाथनो
अभिषेक कर्यो. गुरुदेवना हस्ते सीमंधरनाथना अभिषेकनुं द्रश्य देखीने यात्रिकसंघमां
तेमज बयानानी जनतामां हर्षपूर्वक जयजयकार छवाई गयो. अने सीमंधरनाथनी आ
यात्रानी खुशालीमां कुल रूा. पपपप (पांच हजार पांचसो पंचावन) जिनमंदिर
(बयाना) ने अर्पण करवामां आव्या. बपोरना प्रवचनमां पण गुरुदेवे वारंवार प्रमोद
व्यक्त कर्यो हतो. प्रवचननुं स्थान बराबर सीमंधर भगवाननी सन्मुख निकटमां ज
हतुं. तेथी गुरुदेवने विशेष भावो उल्लसता हता. (ए प्रवचन माटे जुओ आत्मधर्म