Atmadharma magazine - Ank 308a
(Year 26 - Vir Nirvana Samvat 2495, A.D. 1969)
(Devanagari transliteration).

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: १४ : आत्मधर्म : प्र. अषाड : २४९प
ज.
प्रमुखश्री नवनीतलालभाई झवेरी, शेठश्री श्रेयांसप्रसादजी शाहू, शेठश्री
वाडीलाल च५भुज गांधी, मिश्रिलालजी गंगवाल वगेरेए भाषण द्वारा श्रद्धांजलि अने
अभिनंदननी लागणीओ व्यक्त करी, अने सवालाख रूा. जेटलुं जन्मजयंति फंड थयुं.
आ रत्नचिंतामणि जन्मोत्सवनी यादीमां मुंबई मुमुक्षु मंडळ तरफथी ५ण योजनाओ
रजु करवामां आवी–
(१) सोनगढमां जिनागम–मंदिर बनाववुं,
(२) गुजराती–हिंदी उपरांत अन्य भाषाओमां पण साहित्य–प्रकाशन करवुं;
(जैनबाळपोथी अने सम्यग्दर्शन (पुस्तक पहेलुं) मराठीमां प्रकाशन करीने वैशाख सुद
बीजे तेनुं मूरत थयुं.)
(३) मलाडमां जैन विद्यार्थी गृह बंधाववुं.
वैशाख सुद पांचमे, पंचकल्याणक उत्सवमां भगवान श्री महावीरप्रभुनो
जन्मकल्याणक उत्सव उजवायो. बोरीबंदर सामेना मेरु पर्वत उपर जन्माभिषेक थयो;
हेलिकोप्टर–विमाने पुष्पवृष्टि करी, मुंबईने ‘वैशाली–कुंडग्राम’ थवानुं भाग्य मळ्‌युं. दश
वर्षमां मुंबईमां आ बीजी वार पंचकल्याणक थया, अने कुल १०० जेटला वीतराग–
जिनबिंबोनी प्रतिष्ठा थई, मलाडमां अढी लाख रूा. ना खर्चे तैयार थयेल जिनमंदिरमां
वैशाख सुद सातमे भगवान ऋषभदेव तथा सीमंधरादि वीस तीर्थंकर वगेरे
भगवंतोनी मंगलप्रतिष्ठा थई; ए ज रीते घाटकोपरमां पण अढी लाख रूा. ना खर्चे
तैयार थयेला जिनमंदिरमां वैशाख सुद आठमे नेमिनाथभगवान तथा
चोवीसतीर्थंकरभगवंतोनी मंगल प्रतिष्ठा थई. बंने ठेकाणे प्रतिष्ठा वखते सोनेरी
पुष्पवृष्टिथी आकाश पण झगमगी ऊठ्युं.
अमदावादनी जेम मुंबईमां पण श्वेतांबर जैनसमाजे अत्यंत मध्यस्थताथी,
मा५ मध्यस्थताथी नहि पण प्रेमभावथी बने तेटलो सहकार आप्यो. आ रीते