Atmadharma magazine - Ank 309
(Year 26 - Vir Nirvana Samvat 2495, A.D. 1969)
(Devanagari transliteration).

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: द्वि. अषाड : २४९५ आत्मधर्म : ३७ :
* अमे जिनवरनां संतान *
(नवा सभ्योनां नाम)
२३प९ जितेन्द्रकुमार एन. जैन अमरापुर
२३६०A शर्मीष्ठाबेन एन. जैन धनियाळ
२३६०B रंजनबेन एन. जैन
२३६१A नयनाबेन चंदुभाई जैन सोनगढ
२३६१B चेतनाबेन चंदुभाई जैन
२३६२A मुकेश रसीकलाल जैन सुरेन्द्रनगर
२३६२B दिपक रसीकलाल जैन
२३६३ आशाबेन चुनीलाल जैन भीवन्डी
२३६४ परेशकुमार रमणलाल जैन अमदावाद
२३६पA महेन्द्रकुमार कांतीलाल जैन देलवाडा
२३६पB सुरेशकुमार कांतीलाल जैन
२३६६A जीवराजभाई नामेरीभाई जैन उमैया
२३६६B गोविंदभाई काथडभाई जैन ”
२३६६C नारायणभाई काथडभाई जैन ”
२३६७ भरतकुमार लालचंद जैन सोनगढ
२३६८A किरणबाळा एम. जैन कलकत्ता
२३६८B सोनलबाळा एम. जैन
२३६८C रूपलबाळा एम. जैन
२३६८D दर्शनाबेन एम. जैन
२३६८E हर्षदराय एम. जैन
२३६९A दिनेशकुमार सी. जैन सनावद
२३६९B भुपेशकुमार सी. जैन सनावद
२३६९C धीरूभाई वी. जैन सनावद

* दाहोदमां ता. ११–७–६९ ना
रोज भाईश्री पन्नालालजी मेघनगरवाळा
स्वर्गवास पामी गया छे. सवारमां पूजन
करीने पछी शास्त्रस्वाध्यायमां बेठा हता,
त्यां साडाआठ वागे छातीमां दुःखावो थतां
घरे गया, ने नव वागे देह छोडीने
स्वर्गवास पामी गया. देव–गुरुना शरणे
तेओ आत्महित पामो.
* अमरापुर (गीर)ना युवान भाईश्री
बिपिनकुमार एन. जैन गत अषाड सुद
१२ना रोज शांताक्रुझ–मुंबई मुकामे
केन्सरनी बिमारीथी स्वर्गवास पाम्या छे.
तेओ बालविभागना सभ्य हता ने मात्र
१६ वर्षनी तेमनी उंमर हती. दोढ–बे
मासनी मांदगी दरमियान पण जराय
कंटाळो लाव्या वगर तेओ धार्मिक
पुस्तकोनुं वांचन करता. सोनगढ आवीने
गुरुदेवना दर्शन करवानी तथा आहारदान
देवानी तेमनी भावना हती, ने ते माटे
शुक्रवारनी प्लेननी टिकिट पण मंगावेल,
परंतु ते भावना पूरी थवा पहेलां शुक्रवारे
परोढिये साडात्रण वागतां तेमनो
स्वर्गवास थई गयो. धार्मिक संस्कार अने
भावनामां आगळ वधीने तेमनो आत्मा
आत्महित साधे ए ज भावना.
(बालसभ्यो! आपणा एक सभ्यना
स्वर्गवासना आ समाचार तमे वांचो
त्यारे आत्मशांति अर्थे वैराग्यभावना
सहित नमोक्कारमंत्र नववार गणजो.)