वि वि ध स मा चा र
• सोनगढमां कहाननगर सोसायटीनुं उद्घाटन भादरवा सुद एकम ने
शुक्रवार ता. १२–९–६९ ना रोज थवानुं छे.
• सोनगढमां जे नवुं आगममंदिर थवानुं छे तेना शिलान्यासनुं मुहूर्त
भादरवा सुद बीज ने शनिवार ता. १३–९–६९ ना रोज छे.
• सावरकुंडलानी पासेना कानातळाव गाममां त्यांना जैन कणबीभाईओ
द्वारा जे नवुं स्वाध्याय मंदिर तथा जिनमंदिर थवानुं छे तेना शिलान्यासनुं मुहूर्त
भादरवा सुद त्रीज ने रविवार ता. १४–९–६९ ना रोज छे.
• दसलक्षणी– पर्युषण पर्वनो प्रारंभ भादरवा सुद चोथ ने सोमवार ता.
१प–९–६९ ना रोज थशे.
मिटिंग संबंधी जाहेरातो–
• दिगंबर जैन मुमुक्षु महामंडळनी कार्यवाहक कमिटिनी मिटिंग भादरवा सुद
एकम ने शुक्रवार ता. १२–९–६९ ना रोज बपोरे चार वागे राखवामां आवी छे.
• दिगंबर जैन मुमुक्षु महामंडळनी सामान्य सभा भादरवा सुद त्रीज ने
रविवार ता. १४–९–६९ ना रोज सवारे साडानव वागे राखवामां आवी छे.
• श्री दि. जैन स्वाध्यायमंदिर ट्रस्ट (सोनगढ) नी मिटिंग भादरवा सुद त्रीज
ने रविवार ता. १४–९–६९ ना रोज बपोरे ४ वागे राखवामां आवी छे.
• श्री जैन अतिथि सेवा समितिनी वार्षिक सामान्य सभा श्रावण वद अमास
ने गुरुवार ता.११–९–६९ ना रोज बपोरे चार वागे राखवामां आवी छे.
• श्री जैन विद्यार्थीगृहना ट्रस्टीओनी तथा व्यवस्थापक कमिटिनी मिटिंग
श्रावण वद अमास ने गुरुवार ता. ११–९–६९ ना रोज सवारे सवानव वागे; तथा
जनरल सभानी मिटिंग भादरवा सुद बीज ने शनिवारे चार वागे राखवामां आवी छे.
मुनिमहिमा:– दरवर्षे वैशाख मासे आपणे विशेषांक प्रगट करीए छीए;
तद्नुसार आगामी वैशाख मासमां “मुनिवरोना महिमानो एक खास विशेषांक” प्रगट
करवानी भावना छे.–जेथी जैनधर्ममां चारित्रदशानो अने मुनिदशानो केवो अपार
महिमा छे ते जगतमां प्रसिद्धि थाय; अने आपणा समाजने मुनिभगवंतो प्रत्ये केटलो
महान आदर छे ते पण आपणे व्यक्त करीए. सौना योग्य सहकारथी जो आ अंक
प्रसिद्ध थशे तो खूब ज प्रभावनानुं कारण थशे.
प्रथम स्वर्ग:– मेरूपर्वतनी टोच पछी तरत पहेला स्वर्गनी शरूआत थाय छे;
अने दोढ राजुनी ऊंचाई सुधी पहेलुं स्वर्ग छे. दोढ राजुनी ऊंचाईए पहेला स्वर्गनी
धजा छे; ने तेनुं तळीयुं मेरु उपर एक बाल जेटला अंतरे छे. आ रीते दोढ राजुमां
पहेलुं स्वर्ग विस्तरेलुं छे. (केटलाक जिज्ञासुओ तरफथी प्रश्न आवेल तेथी आटली
स्पष्टता करी छे.)
पू. गुरुदेव सुखशांतिमां बिराजे छे. सवारे समयसारमां पुण्य–पापअधिकार
तथा बपोरे प्रवचनसार गा. १७२ अलिंगग्रहणना २० बोल उपर प्रवचनो चाले छे.
(विशेष माटे जुओ पृ. ३३)