Atmadharma magazine - Ank 313
(Year 27 - Vir Nirvana Samvat 2496, A.D. 1970)
(Devanagari transliteration).

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: कारतक : २४९६ : ३९ :
(४) एक जीव खाय छे–पीए छे–रोग थाय छे–दवा करे छे,
बीजा जीव खाता नथी–पीता नथी, रोग थतो नथी;
–तो तेमां साचा देव कोण?
(प) एक जीवने खबर नथी के काले शुं थवानुं छे?
बीजा जीव त्रणे काळनी बधी वात साक्षात् जाणे छे;
–तो तेमां साचा भगवान कोण?
(६) एक जीव संपूर्ण सुखी छे ने संसारमां अवतार धारण करता नथी;
एक जीव दुःखी छे, ने संसारमां अवतार धारण करे छे;
–तो तेमां साचा देव कोण?
(७) एक जीव कहे छे–हुं आ सृष्टि बनावुं छुं ने तेनो नाश करुं छुं;
बीजा जीव कहे छे–हुं आ सृष्टिने बनावतो नथी, हुं तो तेने मात्र जाणुं छुं.
–तो तेमां साचा देव कोण?
(८) एक जीव कहे छे के शरीर अने आत्मा एक छे, बंनेनी क्रियाओ एक छे;
बीजा जीव कहे छे के शरीर अने आत्मा जुदा छे, बंनेनी क्रियाओ जुदी छे;
–तो तेमां साचा देव कोण?
(९) एक जीव लडाई करे छे, क्रोधथी दुश्मनोने मारे छे, दुष्ट जीवोने हणे छे;
बीजा जीव कदी क्रोध करता नथी, परम शांत वीतराग भावमां ज रहे छे,
–तो तेमां साचा भगवान कोण?
(१०) एक जीव रागी–द्वेषी–मोही छे, बधुं जाणतो नथी; अने अहित थाय
एवो खोटो उपदेश आपे छे;
बीजा जीव राग–द्वेष–मोह वगरना वीतराग छे; सर्वने जाणनारा छे, अने हित
थाय एवा मोक्षमार्गनो उपदेश आपे छे.
–तो तेमां साचा देव कोण?
भगवान सर्वज्ञ छे, वीतराग छे, मोक्षमार्गनो उपदेश देनार छे; आवा भगवान
ते आपणा साचा देव छे; तेमने अरिहंत कहेवाय छे. आवा साचा भगवानने
ओळखीने तेमणे बतावेला आत्माना स्वरूपने ओळखतां जीवने धर्म थाय छे,
सम्यक्त्व थाय छे. माटे हे जीवो! तमे साचा भगवानने ओळखो.