Atmadharma magazine - Ank 313
(Year 27 - Vir Nirvana Samvat 2496, A.D. 1970)
(Devanagari transliteration).

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: ३८ : : कारतक : २४९६
ज्ञानगोष्ठी
प्रश्न:– लोकाकाशनी हद बतावनारा कया द्रव्यो छे?
उत्तर:– जीवादि पांच द्रव्योनां समूहनुं ज्यां अवलोकन थाय तेटलुं लोकाकाश छे,
बाकीनुं अलोकाकाश छे. अलोक ते सर्वथा शून्य नथी, त्यां एकलुं आकाश छे.
प्रश्न:– अलोकाकाशमां अजवाळुं होय के अंधारुं?
उत्तर:– अंधारुं के अजवाळुं कांई पण न होय, केमके ते अरूपी छे. अंधारुं ने
अजवाळुं ते तो रूपी–पुद्गलनी पर्याय छे.
प्रश्न:– आपणे अलोकमां जई शकीए?
उत्तर:– ना, त्यां जई न शकीए; पण अहीं बेठाबेठा केवळज्ञानवडे तेने जाणी
शकीए.
तमने आ ज्ञानगोष्ठी गमी? ..हा;
अमे आ ज्ञानगोष्ठीमां भाग लई शकीए? .. हा; घणी ज खुशीथी.
* साचा भगवान *
आपणा भगवान एटले साचा देव केवा होय ते बराबर ओळखवुं जोईए.
नीचेनी हकीकत उपरथी भगवाननुं साचुं स्वरूप तमे विचारजो–
(१) एक जीव त्रिशुल, बाण, सुदर्शनचक्र वगेरे हाथमां धारण करे छे;
बीजा जीव कोईपण शस्त्रने धारण करता नथी;
–तो तेमां साचा देव कोण?
(२) एक जीव भक्तो उपर राग करे छे, दुश्मनो उपर द्वेष करीने तेने मारे छे;
बीजा जीव भक्तो उपर राग नथी करता, के निंदा करनार उपर द्वेष नथी करता,
–तो तेमां साचा वीतरागदेव कोण?
(३) एक जीव वस्त्र–हार–मुगट वगेरे शणगार पहेरे छे,
बीजा जीवने वस्त्र–मुगट–वगेरे कांई शणगार नथी;
–तो तेमां साचा देव कोण?