अरिहंत मारा देव छे
अरिहंत मारा देव छे,
साचा ए वीतराग छे,
जगतने ए जाणे छे,
मुक्तिमार्ग देखाडे छे...अरिहंत०
ज्यां सम्यक् दर्शन–ज्ञान छे,
चारित्र वीतराग छे,
एवो मुक्ति–मारग छे,
मारा प्रभु देखाडे छे...अरिहंत०
अरिहंत तो शुद्ध–आत्मा छे,
हुं पण एना जेवो छुं,
अरिहंत जेवो आत्मा जाणी,
मारे अरिहंत थावुं छे...अरिहंत०