बे बळदनी जोडी...जन्मोत्सवमां दोडी
बे बळदनी जोडी...वैशाख सुद बीजे दोडी.
जन्मोत्सवमां जोडी...ए ठाठमाठ लगाडी.
लाठी शहेरमां सात वर्ष पहेलां गुरुदेवनो ७४मो जन्मोत्सव ऊजवायो त्यारे
७४ शणगारेला बळद पण आनंदकारी सरघसमां साथे ज हता; तेनुं आ एक द्रश्य छे.
बळद पण जाणे खुशी थई रह्या छे के वाह! मनुष्योनी साथे अमने तिर्यंचोने पण
आवा महापुरुषनी जन्मजयंतिमां भाग लेवानो लहावो मळ्यो.
[वृषभ (बळद) ए मंगळसूचक छे. बधाय तीर्थंकरोनी माताना १६
मंगलस्वप्नोमां पण ते एक स्वप्न छे; सीमंधर भगवाननुं ने आदिनाथ भगवाननुं
ए मंगल चिह्न छे. वृषभ एटले धूरंधर (धूराने धारण करनार); तीर्थंकर भगवंतो
धर्मनी धूराना धूरंधर छे.)
[आत्मधर्म वैशाख: २४९६]