Atmadharma magazine - Ank 327
(Year 28 - Vir Nirvana Samvat 2497, A.D. 1971)
(Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


PDF/HTML Page 49 of 53

background image
: ४६ : आत्मधर्म : पोष : २४९७
जवाब शोधो.......ने ईनाम मेळवो
(१) आखा लोकना प्रदेश÷एक जीवना प्रदेश =(भागाकार करी आपो)
(२) अत्यारे जेटला सिद्धभगवंतो छे तेमने, अत्यारना बधा मनुष्यो वच्चे वहेंची
दईए तो दरेक मनुष्यना भागे केटला सिद्धभगवान आवशे?
(३) एक जीव एवो छे के, आखा लोकना बधा प्रदेशे ते जीवनो एकेक प्रदेश रहेलो छे,
तो ते जीवने ते वखते पांचमांथी केटला ज्ञान हशे? –अने ते जीव केटला वखतमां मोक्ष
पामशे?
* शरीरने जाणनारो शरीरथी जुदो छे.
* रागने जाणनारो रागथी जुदो छे.
* ज्ञानने जाणनारो ज्ञानथी........
(७) आपणने नजीक कोण? –सूरज के चंद्र?
बालविभागना जे सभ्यो आ प्रश्नोना साचा जवाब लखी मोकलशे तेमने एक
पुस्तक तथा फोटो भेट मोकलाशे. ब्र–हरिलाल जैन.
बालविभागनुं भेटपुस्तक ‘भगवान पारसनाथ’ बधा सभ्योने मोकलवामां
आव्युं छे; दश तारीख सुधीमां सौने मळी जशे. त्यां सुधीमां न मळे तो तमारो