अभेद अनुभूतिमां ‘सामान्यनो अविर्भाव’ कह्यो छे. आवा अनुभवने जिनशासन
अने धर्म कहेवाय छे. आवा आत्मामां जवुं ते भगवाननो मार्ग छे. भगवाने आ रीते
मोक्षने साध्यो, ने आवो ज मार्ग बताव्यो; ए जिनशासन छे.
Atmadharma magazine - Ank 327
(Year 28 - Vir Nirvana Samvat 2497, A.D. 1971)
(Devanagari transliteration).
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