Atmadharma magazine - Ank 332
(Year 28 - Vir Nirvana Samvat 2497, A.D. 1971)
(Devanagari transliteration).

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आत्मधर्म : जयपुर []
जय
पुर

मंग
–सभानुं एक
द्रश्
य––
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रो श्रोताज
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वरण सर्जे छे.