Atmadharma magazine - Ank 342
(Year 29 - Vir Nirvana Samvat 2498, A.D. 1972)
(Devanagari transliteration).

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गीरनारदर्शन :–फागण सुद १४ ना रोज जेतपुरथी पू. गुरुदेव गीरनारतीर्थना
दर्शने पधार्या हता. तळेटीना जिनमंदिरमां भावभीनी भक्ति थई हती. अनेक
मुमुक्षुओए पण गीरनारदर्शननो लाभ गुरुदेव साथे लीधो हतो.
मुंबईमां प्रतिष्ठामहोत्सव :–पू. गुरुदेव राजकोटथी बे दिवस माटे
मुंबई घाटकोरपर सर्वोदय ईस्पिताल पासे दि. जिनमंदिरमां सवापांच फूटना आदिनाथ
भगवाननी प्रतिष्ठाना पंचकल्याणक उत्सव निमित्ते पधार्या हता. बे दिवस दरमियान
प्रवचनमां आठ–दश हजार श्रोताजनोए उत्साहथी लाभ लीधो हतो, अने सारी
प्रभावना थई हती.
जैन विद्यार्थीगृह : सोनगढ:–आ संस्थाना सोनगढमां वीस वर्षथी चाले छे.
कोईपण जैन विद्यार्थी दाखल थई शके छे. पूरी फी मासिक रू. ४० तथा अधूरी फी रू.
२५ छे. बोर्डिंगना विधार्थीओने अवारनवार पू. गुरुदेव श्री कानजीस्वामीना
प्रवचनोनो लाभ पण मळे छे. दाखल थवा ईच्छनारे (जैन विद्यार्थीगृह, सोनगढ,
सौराष्ट्र) ए सरनामे पचीस पैसानी टिकिट मोकलीने प्रवेशपत्र मंगावी लेवा, ने ता.
२०–५–७२ सुधीमां भरीने मोकली देवा.
“आत्मधर्म” पत्र संबंधी जरूरी माहिती
१. प्रसिद्धि स्थळ:– श्री दि. जेन स्वा. मंदिर ट्रस्ट, सोनगढ
२. प्रसिद्धि क्रम:– दरेक अंग्रेजी मासनी पचीसमी तारीख
३. मुद्रकनुं नाम:– श्री मगनलाल जैन
४. क्या देशना:– भारत
५. ठेकाणुं:– अजित मुद्रणालय–सोनगढ (सौराष्ट्र)
६. प्रकाशकनुं नाम:– श्री दि. जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट वती
श्री
पुरुषोत्तमदास शिवलाल कामदार
क्या देशना:– भारत ठेकाणुं:– सोनगढ (सौराष्ट्र)
७. तंत्री – श्री पुरुषोत्तमदास शिवलाल कामदार
क्या देशना:– भारत ठेकाणुं:– श्री दि. जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट, सोनगढ
८. मासिकना मालिकनुं नाम:– श्री दि. जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट, सोनगढ
आथी अमो जाहेर करीए छीए के उपर आपेली विगतो अमारी जाण
अने मान्यता मुजब बरोबर छे. ता. २५–३–७२
पुरुषोत्तमदास शिवलाल कामदार, श्री दि. स्वा. मंदिर ट्रस्ट वती.