जाण्या कहेवाय?
निश्चयने एकने आदरे त्यारे.
प३. निश्चय मार्ग केवो छे? ते पोताना
शुद्ध उपादानथी प्रगटेलो छे.
प४. व्यवहार मार्ग केवो छे? ते पराश्रये
थयेलो छे.
पप. साचा मोक्षमार्ग केटला छे?
एक ज छे.
प६. मोक्षमार्गनां बीजां नामो क््या छे?
आनंदमार्ग,
शुद्धपरिणति, मोक्षनुं साधन,
अंतर्मुखभाव,
प७. नय शुं छे?
ते साचा ज्ञाननो प्रकार छे.
प८. अज्ञानीने एककेय नय होय?
ना.
प९. साचा नय कोने होय?
आत्माना स्वानुभवथी सम्यग्ज्ञान
करे तेने.
६०. निश्चय वगरनो व्यवहार केवो छे?
मिथ्या छे.
६१. सम्यग्दर्शन साथे शुं थाय छे?
ज्ञान–चारित्र–आनंद
चैतन्यसमुद्रमां डुबकी लगावतां
६३. चैतन्यनो पहाड खोदतां तेमांथी शुं
सम्यग्दर्शनादि अनतं आनंदमय
६४. त्रण किंमती रत्नो कया?
६प. अनंता रत्नोनी खाण कोण छे?
चैतन्यप्रभु आत्मा पोते.
६६. मेरूथी पण मोटो चैतन्यरत्ननो पहाड
तेनी द्रष्टि आडे मिथ्यात्वनुं तरणुं
६७. अरिहंतना आत्माने खरेखर ओळखे
पोताना आत्मानुं साचुं स्वरूप
६८. अरिहंत प्रभुना द्रव्य–गुण–पर्याय
६९. तेमां क््यांय जराय राग छे? .....ना
७०. एम ओळखतां शुं थाय?
पोतामां चेतन अने रागनी जुदाईनो