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जिनप्रवचननी खूबी... अद्भुत चैतन्यमहिमा!
जिनप्रवचननुं जे रहस्य आजे आपणने श्री
गुरुदेवना मुखेथी सांभळवा मळे छे–तेमां एक खूबी छे...
एवी सुंदर खूबी छे के ज्यां सुधी ए प्रवचन सांभळीए
त्यां सुधी सततपणे चैतन्य परमवस्तु ज जगतमां
सर्वोत्कृष्ट महिमावंत लागे छे ने एना सिवाय बीजा कोई
रागादिभावो के संयोगो महिमावंत लागता नथी. –
जिनप्रवचन वडे जे परमस्वभावना महिमाने लक्षगत करे
छे तेनी रुचिमां महान पलटो थई जाय छे. अने
चैतन्यतत्त्वमां तेनी रुचि एवी घूसी जाय छे के अंतरमां
ऊंडे प्रवेशीने चैतन्यना अनंत निर्मळ भावोने बहार
काढीने आनंदथी तेने वेदे छे. आवा चैतन्यमहिमानी
वीतरागी धारा गुरुदेवना प्रवचनमां सदाय वहे छे... तेने
झीलीने हे जीवो! अंतरमां अद्भुत चैतन्यमहिमानो
साक्षात्कार करो... त्यारे ज जिनप्रवचननुं परमगंभीर
रहस्य खरेखरूं समजाशे.