: चैत्र : २४९९ आत्मधर्म : ४१ :
ओळखी काढो–आपणा तीर्थंकर भगवंतोने
बाळको! आपणा ऋषभदेवथी मांडीने महावीर सुधीना
२४ तीर्थंकरोने तो तमे जाणो ज छो. तो हवे तेमांथी नीचे
लखेला तीर्थंकर भगवानने तमारे ओळखी लेवाना छे. ते
भगवंतोने शोधतां तमने मजा पडशे, ने घणुं जाणवानुं मळशे.
(१) एवा क््यां तीर्थंकर छे के तेमनो अने तेमना पुत्रनो बंनेनो एक ज जन्म
दिवस होय?
(२) एवा कया तीर्थंकर छे के जेमनी मासीए तेमने आहारदान कर्युं होय?
(३) एवा कया तीर्थंकर छे के जेमणे वर्षीतप करीने पारणा वखते हाथमां
शेरडीनो रस पीधो होय?
(४) एवा क्या तीर्थंकर छे के विदेहक्षेत्रना तीर्थंकरे याद करवाथी जेओ वैराग्य
पाम्या होय?
(प) एवा कया तीर्थंकर छे के जेओ सिंहना भवमां समकित पाम्या होय?
(६) एवा क््यां तीर्थंकर छे के जमनुं चिह्न सर्प होय?
(७) एवा क्या तीर्थंकर छे के जेनुं चिह्न झाड (कल्पवृक्ष) होय?
(८) एवा कया तीर्थंकर छे के जेमना बे पुत्रो सामसामा लडया होय?–अने पछी
मोक्ष पाम्या होय?
(९) एवा कया तीर्थंकर छे के जेमना पुत्रो ज तेमना गणधर थया होय?
(१०) एवा कया तीर्थंकर छे के जेमने बे उत्तम पुत्री होय?
(११) एवा कया तीर्थंकर छे के जे खरेखर स्त्री न होवा छतां अज्ञानीओ जेने
स्त्री मानता होय?
(१२) एवा कया तीर्थंकर छे के जेओ अषाड सुद छठ्ठे त्रिशला मातानी कुंखे पधार्या
होय?