Atmadharma magazine - Ank 354
(Year 30 - Vir Nirvana Samvat 2499, A.D. 1973)
(Devanagari transliteration).

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: ४४ : आत्मधर्म : चैत्र : २४९९
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विविध वानगी पीरसता आ विभागमां जिज्ञासुओ
सारो रस लई रह्या छे. जिज्ञासुओने उपयोगी अवनवी
माहिती तेमज प्रश्न–उत्तर आ विभागमां आपवामां आवे छे.
प्रश्न: – देवगतिना देवोनुं सरेराश आयुष्य
केटलुं?
उत्तर: – सरेराश प्रमाणे देवगतिना देवोनुं
आयुष्य संख्याता वर्षनुं थाय छे. जोके
तेमां केटलाक देवो असंख्य वर्षना
आयुषवाळा छे परंतु संख्यात वर्षना
आयुषवाळा देवो घणा वधु (असंख्यात
गुणा) छे; एटले सरेराश गणतरीथी
देवोनुं आयुष्य संख्यात वर्ष ज थाय छे.
प्रश्न: – देव करतां मनुष्यनुं आयुष्य वधारे
होई शके?
उत्तर: हा; देवोमां मोटा भागना देवो
संख्यात वर्षना ज आयुषवाळा छे (–जोके
ओछामां ओछा दश हजार वर्षनुं आयुष्य
तो खरूं ज.) – परंतु मनुष्योमां जुगलिया
मनुष्योनुं आयुष असंख्यात वर्षोनुं होय
छे तेमज उत्तम काळना जीवोनुं आयुष्य
पण घणुं वधारे (करोडो–अबजो करतांय
वधु वर्षोनुं) होय छे.
प्रश्न: – जीवो स्वर्गमां झाझा के मोक्षमां?
उत्तर: मोक्षमां. (स्वर्गमां असंख्यजीवो छे,
ज्यारे मोक्षमां अनंत जीवो छे, एटले
स्वर्ग करतां अनंत गुणा जीवो मोक्षमां
छे.)
प्रश्न: – जीवो स्वर्गमां झाझा के नरकमा
?
उत्तर: स्वर्गमां. (जोके स्वर्ग अने नरक
बंनेमां जीवो असंख्याता छे, परंतु नरक
करतां स्वर्गना जीवो असंख्यगुणा वधु
छे.)
प्रश्न:– जीवो स्वर्गमां वधु के मनुष्यमां?
उत्तर:– स्वर्गमां.
००० त्रण प्रश्न:– ०००
(१) देवोने चार छे, नारकीने चार,
तिर्यंचोने पांच, मनुष्योने चौद, पंचेन्द्रिय
सिवायना जीवोने एक, – ए शु
?
(२) जगतमां सिद्धभगवान झाझा के
मनुष्यो झाझा?
(३) आपणे मोक्षमां जवुं छे. तो नीचेनी
दश वस्तुमांथी कई कई पांच वस्तुओ
मोक्षमां साथे लई जशुं? ते पसंद करो
(१) मानवदेह, (२) सम्यग्दर्शन,
(३) पुण्य, (४) श्रुतज्ञान,
(प) तीर्थंकर पद, (६) केवळज्ञान,
(७) शुभराग, (८) अमूर्तपणुं,
(९) सुख, (१०) अस्तित्व.