Atmadharma magazine - Ank 355
(Year 30 - Vir Nirvana Samvat 2499, A.D. 1973)
(Devanagari transliteration).

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३प
परमागम द्वारा आनंदना दातार
हुं आत्माना निजवैभवथी शुद्धात्मा देखाडुं छुं.
ते तमे स्वानुभवथी प्रमाण करजो.
तंत्री: पुरुषोत्तमदास शिवलाल कामदार संपादक: ब्र. हरिलाल जैन
वीर सं. २४९९ वैशाख (लवाजम: चार रूपिया) वर्ष ३०: अंक ७