Atmadharma magazine - Ank 358
(Year 30 - Vir Nirvana Samvat 2499, A.D. 1973)
(Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


PDF/HTML Page 31 of 49

background image
: २८ : आत्मधर्म : श्रावण : २४९९
‘चेतनरूप अनूप अमूरत सिद्धसमान सदा पद मेरो. ’ पोतानो ज वेदनथी ते निःशंक
जाणे छे के ‘ज्ञानकला उपजी अब मोहे.... ’ मने ज्ञानकळा उपजी छे ने तेना प्रसादे हुं
मोक्षमार्गने साधी रह्यो छुं. अल्पकाळमां आ भवथी छूटीने हवे हुं सिद्धपदने पामीश.
आवा आत्मज्ञाननो अपार महिमा ने अपार किंमत भासवी जोईए अरे,
अनंत चैतन्यगुणोमां वसनारो हुं, आ माटीना घरमां ममता करीने वसवुं ए ते मने
केम शोभे? देह हुं नथी, हुं तो देहथी भिन्न ज्ञानस्वरूप आत्मा छुं – एवुं सम्यग्ज्ञान
थतां हवे ज्ञानकळा जागी छे, ते ज्ञानकळाना प्रसादथी हवे आ माटीना घटमांथी छूटी
जईशुं ने अशरीरी थईने, सिद्धालयमां रहेशुं, फरीने कदी आ शरीरमां के संसारमां
आवशुं नहीं. जुओ, आ सम्यज्ञाननो प्रसाद! आवा ज्ञानना प्रसादथी मुक्ति पमाय छे.
सम्यग्ज्ञानना प्रतापे हवे आ हाड– मांसना माळखामां रहेवानुं बंध थई जशे, ने
आनंदमय मोक्षमहेलां सदा रहेशुं. आ रीते सम्यग्ज्ञानना अमृत वडे जन्म–मरणनो
रोग मटे छे ने परमसुख थाय छे. जगतमां जीवने ज्ञान समान सुखनुं कारण बीजुं
कोई नथी. आम – सम्यग्ज्ञाननो महिमा जाणीने तेनी आराधना करो.
आत्मधर्म – प्रचार तथा बालविभाग खाते आवेल रकमोनी यादी
११ दीपककुमार मणिलाल २प मनहरलाल मगनलाल सोनगढ
२१ चेतनकुमार नवनीतलाल घाटकोपर २ एस. एन. पवार भावनगर
प कान्ताबेन दवे सोनगढ २१ दूधीबेन देवचंद मोदी सोनगढ
प१ कंचनबेन अमुलखराय जोरावरनगर २१ लक्ष्मीबेन मुंबई
११ किरणबेन मनसुखलाल पालेज २प रमणिकलाल ताराचंद मुंबई
प दीपककुमार गुणवंतराय सुरत प१ नवलभाई जे शाह सोनगढ
प१ कसुंबाबेन खीमचंद सोनगढ १०१ हिंमतलाल हरगोविंददास भावनगर
२प समताबेन रतिलाल सोनगढ २प सुरतना भाई – बहेनो सुरत
२प विनयकांत हीराचंद राजकोट २प छोटालाल डामरशी सोनगढ
२१ सुनिलकुमार भूपेन्द्र प१ सुशीलाबेन भोगीलाल अमदावाद
२१ प्रेमचंद खेमराजजी खैरागढ प१ शांतिलाल लक्ष्मीचंद राजकोट
(ता. २प–७–७३ सुधी)