तेजबाने मंदिरे रे के चोघडियां वागे साहेलडी;
कुंवरीनां दर्शने रे के नरनारी हरखे साहेलडी,
वीरपुरी धाममां रे के कुमकुम वरसे साहेलडी.
भरते भाळ्या भाग्यश्री, अतिशय गुणगंभीर.
शीतळता चंद्रनी रे के मुखडे विराजे साहेलडी;
उरनी उदारता रे के सागरना तोले साहेलडी,
फूलनी सुवासता रे के बेनीबाना बोले साहेलडी... जन्म
पूर्वाराधित ज्ञाननो, सांध्यो मंगल दोर.
दिव्य मति–श्रुतनां रे के ज्ञान चडयां हेले साहेलडी;
ज्ञायकनी उग्रता रे के नित्य वृद्धि पामे साहेलडी,
आनंदधाममां रे के शीघ्र शीघ्र जामे साहेलडी... जन्म
उरमां अमृत सींचीने, कर्यो परम उपकार.
अंतरना भावमां रे के उज्जवळता जागे साहेलडी;
खम्मा मुज मातने रे के अंतर उजाळ्यां साहेलडी,
भव्योनां दिलमां रे के दीवडा जगाव्या साहेलडी... जन्म