Atmadharma magazine - Ank 359
(Year 30 - Vir Nirvana Samvat 2499, A.D. 1973)
(Devanagari transliteration).

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भव्योनां दिलमां दीवडा प्रगटावनार
(पूज्य बहेनश्री चंपाबेनना जन्मोत्सवनुं गीत)
जन्मवधाईना रे के सूर मधुर गाजे साहेलडी,
तेजबाने मंदिरे रे के चोघडियां वागे साहेलडी;
कुंवरीनां दर्शने रे के नरनारी हरखे साहेलडी,
वीरपुरी धाममां रे के कुमकुम वरसे साहेलडी.
(साखी)
सीमंधर–दरबारना ब्रह्मचारी भडवीर;
भरते भाळ्‌या भाग्यश्री, अतिशय गुणगंभीर.
नयनोना तेजथी रे के सूर्यतेज लाजे साहेलडी,
शीतळता चंद्रनी रे के मुखडे विराजे साहेलडी;
उरनी उदारता रे के सागरना तोले साहेलडी,
फूलनी सुवासता रे के बेनीबाना बोले साहेलडी... जन्म
(साखी)
ज्ञानानंदस्वभावमां, बाळवये करी जोर;
पूर्वाराधित ज्ञाननो, सांध्यो मंगल दोर.
ज्ञायकना बागमां रे के बेनीबा खेले साहेलडी,
दिव्य मति–श्रुतनां रे के ज्ञान चडयां हेले साहेलडी;
ज्ञायकनी उग्रता रे के नित्य वृद्धि पामे साहेलडी,
आनंदधाममां रे के शीघ्र शीघ्र जामे साहेलडी... जन्म
(साखी)
समवसरण–जिनवर तणो, दीधो द्रष्ट चितार;
उरमां अमृत सींचीने, कर्यो परम उपकार.
सीमंधर–कुंदनी रे के वात मीठी लागे साहेलडी,
अंतरना भावमां रे के उज्जवळता जागे साहेलडी;
खम्मा मुज मातने रे के अंतर उजाळ्‌यां साहेलडी,
भव्योनां दिलमां रे के दीवडा जगाव्या साहेलडी... जन्म