Atmadharma magazine - Ank 359
(Year 30 - Vir Nirvana Samvat 2499, A.D. 1973)
(Devanagari transliteration).

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: भाद्रपद र४९९ : आत्मधर्म : १ :
मंगलमूर्ति स्वानुभूतिसंपन्न अध्यात्मयुगप्रवर्तक परमकृपाळु परमपूज्य गुरुदेव
श्री कानजीस्वामीनां अनन्य भक्त प्रशममूर्ति भगवती पूज्य बहेनश्री चंपाबेननी ६०
मी जन्मजयंतीनो मंगल महोत्सव सुवर्णपुरीमां सौ मुमुक्षु भक्तजनो द्वारा अति
आनंदोल्लास साथे ऊजववामां आव्यो हतो.
जन्मजयंतीना मंगल आगमननो शुभ संदेश सुंदर निमंत्रण–पत्रिका छपावीने
भारतव्यापी समग्र मुमुक्षुमंडळोने तथा परदेशोमां वसता मुमुक्षुओने समयसर
पहोंचाडवामां आव्यो हतो.
‘६० मी जन्मजयंती आवी दोडादोड’ ए मधुरुं गीत गाईने मुमुक्षुबहेनोए एक
सप्ताह पूर्व सुवर्णपुरीनुं वातावरण मंगल महोत्सवनी प्रतीक्षाथी गुंजतुं करी दीधुं हतुं.
पूज्य गुरुदेवे पण पू. बहेनश्रीनी जन्मजयंतीना शुभागमननुं गीत सांभळी पोतानो
आशीर्वादयुक्त, संमतिपूर्ण सूर पूर्यो के– “बहेनोए ठीक गायुं, बहेननो जन्मदिवस
आवे छे, बधांने जागता कर्यां... ’ वगेरे वगेरे...
जन्मजयंतीनो आ पुनितोत्सव त्रण दिवस ऊजववामां आव्यो हतो. आ मंगल
जन्मोत्सवनी शुभ कामना अर्थे श्री जिनमंदिरमां त्रण दिवस माटे राजकोट निवासी डो.
प्रवीणभाई दोशी वगेरे तरफथी पंचपरमेष्ठी–मंडलविधानपूजा राखवामां आवी हती.
श्रावणी पूर्णिमा आ शुभोत्सवना प्रारंभनो पावन दिवस. वहेला परोढथी त्रणे
दिवस गोगीदेवी ब्र. आश्रमना गगनमां गुंजतुं चोघडियांवादन मुमुक्षु हृदयोने
हर्षपुलकित करतुं हतुं. आ शुभ प्रसंगने दीपाववा श्री जिनमंदिर तथा ब्रह्मचर्याश्रम
विद्युतशणगारथी अलंकृत करवामां आव्यां हतां. मंगलसूचक विद्युत–स्वस्तिक तथा
रंगबेरंगी विद्युत–शलाकाथी सुशोभित जिनमंदिरनुं मनोहर द्रश्य मुमुक्षुओनां मनने
प्रसन्न करतुं हतुं. आश्रमनी दिवाल उपर गोठवेलो ‘६०’ नो चित्ताकर्षक विद्युत आंक
सौने मुदित करतो हतो.
श्रावण वद बीज ते, महोत्सवनो मुख्य दिवस–प्रशममूर्ति भगवती जगदम्बा
पूज्य बहेनश्री चंपाबेननी जन्मजयंतीनो मंगल दिवस: वहेला प्रभातथी आनंद भेरी
साथ जन्मवधाईनां सुमधुर गीतोथी तथा जयकारनां मंगल नादोथी आश्रमनुं