• प्रभुनो मोटो उपकार •
मागशर वद आठमना प्रवचनमां भगवान कुंदकुंदाचार्यदेव
प्रत्ये भक्तिभीनी अंजलिरूपे अत्यंत प्रमोदपूर्वक
पू. कानजीस्वामीए कह्युं के –
आजे (शास्त्रीय पोषवद आठमे)
कुंदकुंदस्वामीनी आचार्य पदवीनो मंगल दिवस छे. कुंदकुंद
भगवाने आ भरतक्षेत्र उपर घणो मोटो उपकार कर्यो
छे. तेमणे भगवान सीमंधर परमात्माना साक्षात् दर्शन
कर्या, अने अनुभवना निजवैभवपूर्वक समयसारादि
परमागमो रचीने जे अलौकिक अचिंत्य उपकार कर्यो छे,
–तेनी शी वात? जेने ते जातनो अनुभव थाय तेने
खबर पडे के आचार्यदेवे केवुं अलौकिक काम कर्युं छे!
बाकी उपरटपके एनां माप नीकळे तेम नथी. तेओ चार
संघना नायक हता; महावीर प्रभुना शासनने तेमणे
आ पंचमकाळमां टकावी राख्युं छे. अहो, एमनी आ
वाणी काने पडवी ते पण कोई महान भाग्य छे; ने
अंदर समजीने अनुभव करे........तेनी तो शी वात!
तंत्री : पुरुषोत्तमदास शिवलाल कामदार * संपादक : ब्र. हरिलाल जैन
वीर सं. २५०० पोष (लवाजम : चार रूपिया) वर्ष ३१ : अंक ३