उपर पुष्पवृष्टि करवा माटे जई रह्या छे. बन्ने बहेनो वात करतां महिमा
करे छे के अहो! जेणे आपणने स्वानुभूतिनो मार्ग बताव्यो एवा
वीरनाथ भगवान अने तेमनी वाणी आ परमागम–मंदिरमां बिराजी
रह्या छे....चालो, तेना उपर पुष्पवृष्टि करीए....साथे साथे वहाला
विदेहीनाथ सीमंधरप्रभुना मंदिर अने मानस्तंभने पण पुष्पोथी