नवनीतभाई झवेरी, श्रोफ, वगेरे पारणाझुलननुं द्रश्य नीहाळी रह्या छे
तथा माता–पुत्रनी आनंदकारी वातो सांभळी रह्या छे; ने जाणे के
त्रिशलामाताना राजमहेलमां महेमान तरीके बेठा होय–एवी प्रसन्नता
Atmadharma magazine - Ank 366
(Year 31 - Vir Nirvana Samvat 2500, A.D. 1974)
(Devanagari transliteration).
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