गुरुदेवनो प्रभाव, उत्सवनी भव्यता, अने पचीसहजार
जैनसमाजना नेता श्री शांतिप्रसादजी साहू पोतानो प्रमोद व्यक्त
करतां कहे छे के तीर्थंकर भगवंतोने जो उपदेश दिव्यध्वनिमें दिया,
वही आज स्वामीजी हमें सुना रहे हैं.
Atmadharma magazine - Ank 367
(Year 31 - Vir Nirvana Samvat 2500, A.D. 1974)
(Devanagari transliteration).
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