Atmadharma magazine - Ank 367
(Year 31 - Vir Nirvana Samvat 2500, A.D. 1974)
(Devanagari transliteration).

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अचेतन–अश्वथी चालतो अजमेरनो भव्य रथ


















प्रभुना जन्माभिषेकनी भव्यसवारीमां चाली रहेला अचेतन अश्वोने मनमां
एम थाय छे के अहा! प्रभुना मार्गमां चालतां अमने–जडनेय आवुं गौरव मळे छे...
तो जे चेतनवंताजीवो प्रभुना मार्गे चाली रह्या छे–तेमना आनंदनी ने तेमना गौरवनी
शी वात!
बीजा चित्रमां तीर्थंकरदेवना जन्माभिषेक माटे भक्तोनी भीड लागी रही छे.