Atmadharma magazine - Ank 376
(Year 32 - Vir Nirvana Samvat 2501, A.D. 1975)
(Devanagari transliteration).

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: १६ : आत्मधर्म : महा : २५०१
(पृ. ७ थी चालु)
[गुरुदेवद्वारा भक्ति पूर्ण थया बाद तेओश्रीनी आज्ञानुसार बेनश्री–बेने पण घणा
उल्लासपूर्वक भक्ति करावीने, प्रभुनी वैराग्यदशानो आबेहुब चितार सहेसावनमां खडो करी
दीधो हतो. त्यारबाद गुरुदेव साथेनी आ तीर्थयात्रामां हर्षोपलक्षमां सेंकडो यात्रिकोए
तीर्थयात्राफंडमां दाननी रकमोनी एवी रमझट बोलावी के ते लखवामां पहोंची न शकायुं....
अंते फाळो लखवानुं बंध करीने भक्ति शरू करवी पडी...अजमेरनी भजनमंडळीए भक्ति
करावी हती. त्यारबाद नेमप्रभुना चरणनी पूजा थई हती.
]
सहेसावनमां एक घूमटी (देरी) छे, तेना पाछळना भागमां नेमिनाथप्रभुना
प्राचीन चरणपादूका छे. पू. गुरुदेव वगेरेए भक्तिपूर्वक नेमचरणनो अभिषेक कर्यो.
सहेसावनना उपला भागमां एक बीजी घूमटी छे,–जेमां केवळज्ञान–कल्याणक तरीकेना श्री
नेमनाथ चरणोनी स्थापना छे. त्यां पण दर्शन कर्यार्. आ रीते चारित्रधाम अने
केवळज्ञानधामनी यात्रा गुरुदेव साथे करीने आनंद–मंगळनां गीत गातां गातां सौ पहेली
टूंके आव्या.
रात्रे जिनमंदिरना चोकमां खड्गासन प्रतिमासन्मुख भक्ति थई. तेमां ‘दरबार
तुमारा मनहर है...गीरनार तुमारा मनहर है...सिद्धिधाम प्रभुका मनहर है–ईत्यादि
भजनो उपरांत राजुल–बाबुलनो संवाद पण गायो हतो. राजीमतीना आ वैराग्यधाममां
राजुलना वैराग्यप्रसंगनो संवाद (राजुल–बाबुल संवाद) श्रोताओने वैराग्यभावनामां
झूलावतो हतो. विवाह करवा आवेला नेमनाथ ज्यारे पाछा फरी जाय छे...ने मुनिदीक्षा
धारण करे छे, त्यारे सती राजीमती विलाप के आर्तध्यान नथी करती परंतु पोते पण वैराग्य
पामीने पिताजीने कहे छे के: मारा नाथ जे मार्गे गया...हुं पण ते ज मार्गे जईश. भगवाने
सहेसावनमां जईने चारित्रनो मार्ग लीधो तो हुं पण ते ज मार्गे जईने अर्जिका बनीश....ने
स्त्रीपर्याय छेदीने एक भवमां मोक्षने साधीश....धन्य छे के मने संयमनो अवसर मळ्‌यो....
अहा, गीरनार उपरनी भक्तिमां नेम–राजुलना पावनजीवननी वैराग्यरसझरती
झरमर आखाय पर्वतना वातावरणने शांत–गंभीर वैराग्यमय बनावी रही हती. केवा
महान आदर्शरूप छे–ए बंनेना जीवन! त्रण कल्याणकधामनी यात्रा प्रसंगे खरेखर अहीं
ज्ञान–वैराग्यभक्तिनी त्रिपुटीनो जीवंत त्रिवेणीसंगम थयो हतो....जे आत्मार्थीओना
जीवनने पावन करतो हतो.
आम गीरनार उपरनो प्रथम दिवसनो कार्यक्रम पूरो थयो....ने बीजे दिवसे सवारना
मोक्षधाममां जवा माटे यात्रिको कटिबद्ध थया....