Atmadharma magazine - Ank 384
(Year 32 - Vir Nirvana Samvat 2501, A.D. 1975)
(Devanagari transliteration).

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: ८२ : आत्मधर्म : आसो : २५०१
देशकाळ अनुसार साधर्मीओनुं समूहभोजन करवुं. पूर्वना बधा मतभेदो
भूलीने महावीरप्रभुना भक्तो तरीके सौए एकमेकपणानो भाव जगाडीने
आनंदथी हळवुं – मळवुं – एकबीजानुं सन्मान करवुं. साधर्मीजनोने घेर बोलावीने
जमाडवा, साधर्मीनुं सन्मान करवुं. विद्वानोनुं विशेष सन्मान करवुं.
* बपोरे नमस्कारमंत्रनो अगर “महावीर” नामनो सामूहिक जाप (सौ
एकसो आठ वार गणे; समुच्चय अढीहजार – पचीसहजार के सुविधा
मुजब), नवीन शास्त्रनी स्वाध्यायनो मंगल प्रारंभ; सामूहिक
शास्त्रप्रवचन; भक्ति; धार्मिक आनंदना कार्यक्रम अने धामधूमपूर्वक
महावीरभगवाननी अति भव्य रथयात्रा (शक्य होय तो बधा फिरकाना
समस्त जैनसमाजे भेगा मळीने) काढवी. ज्या रथयात्रा जाय त्यां
महावीरप्रभुना शासननो महिमा प्रसिद्ध करवो. रथयात्रामां धर्मध्वज–
धर्मचक्र–लाउडस्पीकर राखवुं. चालती रथयात्राना मार्गमां भावुकदर्शकोने
नाना पुस्तकोनी लाणी करता जवी. (आ माटे अहिंसा परमो धर्म, तथा
भगवान महावीर ए बे पुस्तको उपयोगी छे – जे हाल मळी शके छे. जैन
बाळपोथी पण उपयोगी छे.)
* रात्रे जिनमंदिरना चोकमां अगर प्रसिद्ध स्थळे अद्भुत झगझगाट वच्चे
महावीर भगवानना महिमाने प्रसिद्ध करती भव्य सभा करवी, जेमां गामना
प्रतिष्ठित आगेवानोने आमंत्रण आपवुं. भगवाननो महिमा प्रसिद्ध करवो,
आपणा जिनेन्द्रदेवनी विशेषताओ समजाववी; तथा बीजा भक्ति – भजन –
रेकर्ड, धार्मिक नाटक–संवाद वगेरे सुंदर कार्यक्रमोनुं प्रदर्शन करवुं. एक वात
सौए खास लक्षमां राखवी के प्रवचन वगेरेमां क्यांय खंडनात्मक पद्धत्तिथी
प्रतिपादन न करवुं, के कटुभाषा न वापरवी; शांत – मधुर शैलिथी ज वीरनाथ
भगवाननो अने तेमना शासननो महिमा प्रसिद्ध करवो. ज्यां जे कोई
प्रकारना वैरविरोध होय ते सर्वथा भूली जवा ने वीतरागभावनी भावना
वधारवी. कोईपण साधर्मी प्रत्ये अत्यंत प्रेमपूर्ण व्यवहार राखीने, तन–मन–
धनथी के ज्ञान–वैराग्यनी प्रेरणानी एकबीजाने सहायरूप थवुं.
(अहीं उत्सवना कार्यक्रमनी सामान्य रूपरेखा आपी छे. अने त्यार पछी
कायम माटे जागृत रहीने वीरशासनना महिमा पूर्वक अने जिनवाणीनी प्रभावना
पूर्वक उत्सव चालु राखवानो छे. आपणा जीवनमां आवेलो आ आनंदकारी
अभूतपूर्व उत्सव जीवनमां कदी नहि भूलाय, ने सदाय वीरप्रभुनो साक्षात्कार
करावतो थको हितमार्गमां प्रेर्या करशे. – जय महावीर.