Atmadharma magazine - Ank 384
(Year 32 - Vir Nirvana Samvat 2501, A.D. 1975)
(Devanagari transliteration).

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: आसो : २५०१ आत्मधर्म : ८९ :
अमे जिनवरना संतान *
(बालविभागना नवा सभ्योनां नाम)
३४५४ अतुल नगीनदास जैन कलकत्ता ३४६४ वीणाकुमारी मदनलालजी जैन उदयपुर
३४५४ चिराग जयंतिलाल जैन अमदावाद ३४६५ मैनाकुमारी मदनलालजी जैन उदयपुर
३४५५ शिरीष सुशीलकुमार जैन पुना ३४६६ भरतकुमार मदनलालजी जैन उदयपुर
३४५६ पारुलबेन वसंतलाल जैन लींबडी ३४६७ सतीषचंद्र सुमतिलाल जैन दाहोद
३४५७ उमेशकुमार रमणीकलाल जैन मुंबई ३४६८ चंद्रकांत कांतिलाल जैन दाहोद
३४५८ राजेशकुमार रमणीकलाल जैन मुंबई ३४६९ अजयकुमार हींमतलाल जैन महेसाणा
३४५९ तृप्तिबेन कांतिलाल जैन लखतर ३४७० अशोककुमार शकरालाल जैन रखियाल
३४६० बिन्दुकुमार कांतिलाल जैन लखतर ३४७१ दिलीपकुमार अमृतलाल जैन रखियाल
३४६१ कीर्तिकुमार वसंतलाल जैन मुंबई ३४७२ पतिभाबेन कांतिलाल जैन दाहोद
३४६२ केतनकुमार भोगीलाल जैन राजकोट ३४७३ शोरीतकुमार कनैयालाल जैन राजकोट
३४६३ जीज्ञाबेन जगदीचंद्र जैन राजकोट –
आत्मधर्म प्रचार तथा बालविभागमां आवेल रकमोनी यादी
२५ मरघाबेन मणिलाल सोनगढ १५ पी. एन. डुंगर मीठापुर
२५ दुधीबेन दयाळजी बेंगलोर ३१ अमरचंद न्यालचंद वांकानेर
२५ समरतबेन वृजलाल घाटकोपर २० दुधीबेन दयाळजी बेंगलो
आ दीपावली–अंक माटे नीचे मुजब विशेष रकमो आवेल छे.
४०१ रसिकलाल नागरदास मोदी मुंबई ४०१ एक सद्गृहस्थ (पेडर रोड) मुंबई
सोनगढवाळा हा. रसिकभाई
(तथा तेमना तरफथी २५ ग्राहकोने आत्मधर्म भेट आपवा रूा. १५० आवेल छे.)
ज्ञानतत्त्वनी भावना
ज्ञाता पण हुं.... स्वज्ञेय पण
हुं... ज्ञान पण हुं.
हुं ज ज्ञाता–ज्ञान–ज्ञेय छुं.
पर साथे मारे काई संबंध नथी.