Benshreeke Vachanamrut (Hindi). Bol: 1-2.

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परमात्मने नमः
बहिनश्रीके वचनामृत
[पूज्य बहिनश्री चंपाबेनके प्रवचनोंसे चुने गये]
हे जीव ! तुझे कहीं न रुचता हो तो अपना
उपयोग पलट दे और आत्मामें रुचि लगा । आत्मामें
रुचे ऐसा है । आत्मामें आनन्द भरा है; वहाँ अवश्य
रुचेगा । जगतमें कहीं रुचे ऐसा नहीं है परन्तु एक
आत्मामें अवश्य रुचे ऐसा है । इसलिये तू आत्मामें
रुचि लगा ।।।।
अंतरकी गहराईसे अपना हित साधनेको जो
आत्मा जागृत हुआ और जिसे आत्माकी सच्ची लगन
लगी, उसकी आत्मलगन ही उसे मार्ग कर देगी ।
आत्माकी सच्ची लगन लगे और अंतरमें मार्ग न हो
जाय ऐसा हो ही नहीं सकता । आत्माकी लगन
ब. व. १