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मंगलकारी ‘तेज’ दुलारी
(राग : निरखी निरखी मनहर मूरत)
मंगलकारी १‘तेज’ दुलारी पावन मंगल मंगल है;
मंगल तव चरणों से मंडित अवनी आज सुमंगल है,
....मंगलकारी०
श्रावण दूज सुमंगल उत्तम २वीरपुरी अति मंगल है,
....मंगलकारी०
श्रावण दूज सुमंगल उत्तम २वीरपुरी अति मंगल है,
मंगल मातपिता, कुल मंगल, मंगल धाम रु आंगन है;
मंगल जन्ममहोत्सवका यह अवसर अनुपम मंगल है,
....मंगलकारी०
मंगल शिशुलीला अति उज्ज्वल, मीठे बोल सुमंगल हैं,
शिशुवयका वैराग्य सुमंगल, आतम--मंथन मंगल है;
आतमलक्ष लगाकर पाया अनुभव श्रेष्ठ सुमंगल है,
....मंगलकारी०
सागर सम गंभीर मति--श्रुत ज्ञान सुनिर्मल मंगल है,
समवसरणमें कुंदप्रभुका दर्शन मनहर मंगल है,
सीमंधर--गणधर--जिनधुनिका स्मरण मधुरतम मंगल है,
....मंगलकारी०
शशि--शीतल मुद्रा अति मंगल, निर्मल नैन सुमंगल है,
आसन--गमनादिक कुछ भी हो, शांत सुधीर सुमंगल है,
प्रवचन मंगल, भक्ति सुमंगल, ध्यानदशा अति मंगल है,
....मंगलकारी०
दिनदिन वृद्धिमती निज परिणति वचनातीत सुमंगल है,
मंगलमूरति--मंगलपदमें मंगल--अर्थ सुवंदन है;
आशिष मंगल याचत बालक, मंगल अनुग्रहदृष्टि रहे,
तव गुणको आदर्श बनाकर हम सब मंगलमाल लहें ।
....मंगलकारी०
मंगल जन्ममहोत्सवका यह अवसर अनुपम मंगल है,
....मंगलकारी०
मंगल शिशुलीला अति उज्ज्वल, मीठे बोल सुमंगल हैं,
शिशुवयका वैराग्य सुमंगल, आतम--मंथन मंगल है;
आतमलक्ष लगाकर पाया अनुभव श्रेष्ठ सुमंगल है,
....मंगलकारी०
सागर सम गंभीर मति--श्रुत ज्ञान सुनिर्मल मंगल है,
समवसरणमें कुंदप्रभुका दर्शन मनहर मंगल है,
सीमंधर--गणधर--जिनधुनिका स्मरण मधुरतम मंगल है,
....मंगलकारी०
शशि--शीतल मुद्रा अति मंगल, निर्मल नैन सुमंगल है,
आसन--गमनादिक कुछ भी हो, शांत सुधीर सुमंगल है,
प्रवचन मंगल, भक्ति सुमंगल, ध्यानदशा अति मंगल है,
....मंगलकारी०
दिनदिन वृद्धिमती निज परिणति वचनातीत सुमंगल है,
मंगलमूरति--मंगलपदमें मंगल--अर्थ सुवंदन है;
आशिष मंगल याचत बालक, मंगल अनुग्रहदृष्टि रहे,
तव गुणको आदर्श बनाकर हम सब मंगलमाल लहें ।
....मंगलकारी०
१तेजबा = पूज्य बहिनश्री चंपाबेनकी मातुश्री २वीरपुरी = पूज्य बहिनश्री चंपाबेनका जन्मस्थान वर्धमानपुरी (वढवाण शहेर)