संसारना विषवृक्षने क्षणमात्रमां क्षय करावनार,
महा सुखसागरनो सम्यक् मार्ग प्राप्त करावनार,
अतुल महिमाना धारी, परमोपकारी श्री गुरुदेवनां
चरणकमळमां परम भक्तिथी नमस्कार, वारंवार नमस्कार.
महा सुखसागरनो सम्यक् मार्ग प्राप्त करावनार,
अतुल महिमाना धारी, परमोपकारी श्री गुरुदेवनां
चरणकमळमां परम भक्तिथी नमस्कार, वारंवार नमस्कार.