Benshreeni Amrut Vani Part 2 Transcripts (Hindi).

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अमृत वाणी (भाग-५)

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मुमुक्षुः- गुरुदेव बार-बार कहते थे न, यह बात कहीं और जगह नहीं है। कोई संप्रदायमें यह बात नहीं है। गुरुदेवने सबकी दिशा तो बदल दी। रुचिकी दिशा सबकी बदल दी।

प्रशममूर्ति भगवती मातनो जय हो!