अमृत वाणी (भाग-५)
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मुुमुक्षुः- द्रव्यका एक अंश रहकर, फिर उसमें षटकारक .. समाधानः- हाँ, आंशिक षटकारक है। वह तो त्रिकाली स्वतंत्र द्रव्य ही है। उसकी स्वतंत्रता अलग है। पर्यायको तो द्रव्यका आश्रय है। क्योंकि वह तो एक अंश है। ... वह पर्याय स्वयं स्वतंत्र परिणमती है। वह भी एक परिणमन शक्तिवाला एक अँश है। इसलिये वह स्वतंत्र है। उसका अर्थ यह नहीं है कि वह द्रव्यके आश्रय बिना निराधार होती है, ऐसा नहीं है।
प्रशममूर्ति भगवती मातनो जय हो!